भारतीय नौसेना की शान बना INS विक्रांत, तैनात होंगे ये घातक लड़ाकू विमान; नौसेना को नया ध्वज भी मिला, ब्रिटिश निशान हटाया
भारत ने INS विक्रांत को आज नौसेना में शामिल किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में करीब डेढ़ घंटे चली कमिशनिंग सेरेमनी में ये एयरक्राफ्ट कैरियर नेवी को सौंपा. इस विमानवाहक पोत पर 30 से 35 लड़ाकू विमान तैनात किए जा सकते हैं. साथ ही एक और बड़ा बदलाव हुआ. नेवी को नया नौसेना ध्वज सौंपा गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में करीब डेढ़ घंटे चली कमिशनिंग सेरेमनी में ये एयरक्राफ्ट कैरियर नेवी को समर्पित कर दिया. इस विमानवाहक पोत पर 30 से 35 लड़ाकू विमान तैनात किए जा सकते हैं. साथ ही एक और बड़ा बदलाव हुआ. नेवी को नया नौसेना ध्वज सौंपा गया. इसमें से अंग्रेजों की निशानी क्रॉस का लाल निशान हटा दिया गया है. अब इसमें तिरंगा और अशोक चिह्न है, जिसे PM मोदी ने महाराज शिवाजी को समर्पित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा भारतीयों के लिए गर्व का मौका है. ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है। ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर है. विक्रांत विशाल है, ये खास है, ये गौरवमयी है. ये केवल वारशिप नहीं है. ये 21वीं सदी के भारत के कठिन परिश्रम, कौशल और कर्मठता का सबूत है.
आज INS विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है. INS विक्रांत भारत सरकार के डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशों का उदाहरण है. आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं.
नौसेना के पास एक ऐसा युद्धपोत है, जो अपने आप में एक तैरता एयरफील्ड और शहर है. इस पर बनने वाली बिजली से 5 हजार घर रोशन हो सकते हैं और इसमें लगे तार केबल अगर कोच्चि से शुरू हों तो कन्याकुमारी तक जाएं.
इस विमानवाहक पोत पर 30 से 35 लड़ाकू विमान तैनात किए जा सकते हैं. आईएनएस विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है और पोत का वजन करीब 45000 टन है. इस पोत की ऊंचाई करीब 59 मीटर यानी 15 मंजिला इमारत के बराबर है. अगर इसकी चौड़ाई की बात करें तो यह 62 मीटर चौड़ा है.
समंदर के इस बाहुबली पर 10Kmaov, मिग-29के, कामोव केए-27 और रोमियो हेलिकॉप्टर्स समेत कई अन्य लड़ाकू विमान तैनात किए जाएंगे. भविष्य में जो घातक, तेज और बेहतर हो, मिग29 के, ग्रिपेन, एफ-18 सुपर हॉर्नेट जैसे विमान तैनात हो सकते हैं.
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