महरिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र: सहकारी समितियों सक्षम बनाने हेतु 25 लाख का बजट प्रति समिति देने सहित विभिन्न माँगो को लेकर

सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए 25 लाख का बजट प्रति समिति देने सहित विभिन्न माँगो को लेकर पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा.

फ़तेहपुर पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया ने आगामी बजट में सहकारी समितियों की विभिन्न मांगों को शामिल करने और उनके लिए बजट प्रावधान करने के संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. साथ ही मांगों के समाधान की मांग की है. विधायक नंदकिशोर महरिया ने पत्र में कहा है कि ग्राम सेवा सहकारी समिति के निर्वाचित अध्यक्ष को ग्राम पंचायत के सरपंच की तर्ज पर 4000 रुपए प्रतिमाह मानदेय और विभिन्न खर्चों के लिए आकस्मिक निधि दी जाए.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर नई समिति के गठन से नई और पुरानी दोनों समितियों का कार्यक्षेत्र कम हो गया है, ऐसे में व्यय में वृद्धि हुई है, इसलिए समितियों को सक्षम बनाने के लिए प्रत्येक समिति को 25 लाख रुपये कि हिस्सा राशि के रूप में आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए. पत्र में लिखा गया है कि सहकार जीवन सुरक्षा बीमा का प्रीमियम अधिक होने के कारण, जो अल्पकालिक फसली ऋण लेने वाले किसानों के लिए अनिवार्य रूप से लागू है, कृषक सदस्य इस योजना में भाग नहीं लेना चाहते हैं. वर्तमान में सहकार जीवन सुरक्षा योजना में बीमा कवर को 10 लाख रुपये से घटाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे किसानों में खासा रोष है.

महरिया ने मांग की है कि प्रीमियम की राशि सरकार द्वारा वहन की जाए ताकि किसानों को सही मायने में ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण मिल सके. इसके अलावा महरिया ने सहकारी समितियों पर व्यवस्थापकों की कमी को दूर करने की मांग की है. महरिया ने मांग की है कि पीडीएस का काम क्रय-विक्रय सहकारी समितियों और पैक्स समितियों को दिया जाए. इसके अलावा सहकारी संस्थाओं में सीए ऑडिट की व्यवस्था को समाप्त करते हुए विभागीय ऑडिट करवाने , सदस्यों से ऋण के अनुपात में ली जाने वाली हिस्सा राशि 8 % के विभाजन में समितियों को 4% एवं केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं शीर्ष बैंक को 4% के विभाजन की घोषणा करने की माँग की है. साथ ही सहकारी संस्थाओं में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराने, निर्वाचित अध्यक्ष को सभी प्रकार के प्रशासनिक अधिकार देने, राज्य स्तरीय सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने की कट ऑफ डेट जारी करने की मांग की है.

महरिया ने पत्र में डीएपी व यूरिया की कमी का जिक्र किया. पत्र मैं बताया कि राज्य सरकार की मागं पर केंद्र सरकार ने डीएपी एवं यूरिया का कोटा बढा दिया उसके बाद भी सीकर जिले में डीएपी खाद की भारी कमी चल रही है सीकर क्रय विक्रय द्वारा 1000 कट्टो की मांग पर 520 की आपूर्ति की गई है जबकि इस समय फसल बुवाई का सीजन चल रहा है यूरिया व खाद समय पर नहीं मिलने से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है. पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया ने सभी मांगों का जल्द निस्तारण करने मांग की है. महरिया ने पत्र में लिखा कि उक्त मांगों को बजट घोषणा में शामिल किया जाए ताकि जनता को लाभ मिल सके. 

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