मां के साथ दो पुत्रों ने लिया एक साथ देहदान का संकल्प, पेश की मानवता के काम आने की मिसाल

मरने के बाद शरीर को अग्नि में समर्पित करने से कहीं बेहतर है कि वह किसी तरह मानवता के काम आए इसी विचार को केंद्र में रखते हुए एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने देहदान का संकल्प लिया.

Chittorgarh: मरने के बाद शरीर को अग्नि में समर्पित करने से कहीं बेहतर है कि वह किसी तरह मानवता के काम आए इसी विचार को केंद्र में रखते हुए एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने देहदान का संकल्प लिया. आचार्य तुलसी बहुउद्देशीय फाउंडेशन के संस्थापक सुनील ढीलीवाल ने बताया कि चित्तौड़गढ़ शहर की दिवाकर जैन मंडल की संरक्षक व धर्म आराध्या उमराव देवी मारू ने अपने पति चांदमल मारु, दोनों पुत्रों गौतम और महावीर , पुत्रवधू स्नेहलता व सुनीता पौते पौतियो प्रियल, एकता, ज्योति, श्रेयांश व अंतिमा के समक्ष ट्रस्टी अपुल चिपड, महिला नगर अध्यक्ष पूर्णिमा मेहता, उपाध्यक्ष अनामिका चौहान और आशा चिपड को देहदान का संकल्प पत्र सौंपा.  उमराव देवी के पुत्रों गौतम एवं महावीर ने अपनी माताजी को देहदान का संकल्प पत्र भरने के लिए न केवल अपनी सहमति दी बल्कि वे स्वयं भी इस पुनीत कार्य से इतने अधिक प्रभावित हुए कि दोनों ने भी देहदान का संकल्प पत्र टीम एटीबीएफ उसी समय सौंप दिया.  इस अवसर पर संकल्प पत्र सौंपते हुए उमराव देवी ने कहा कि जैन धर्म की श्राविका होने के नाते समाज के लिए कुछ करने का जज्बा तो हमेशा ही रहता है पर साल भर पहले जब शहर के कपड़ा बाजार क्षेत्र में एक पूर्व बैंक अधिकारी अभय चोपड़ा के निधन पर उनकी पार्थिव देह जलाने की बजाय एटीबीएफ के माध्यम से मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई तभी से देहदान करने का दृढ़ संकल्प ले लिया था पर परिवार जनों की सहमति अब जाकर मिली है. आज पूर्ण परिवार की उपस्थिति में संकल्प पत्र भरकर खुशी का अनुभव करने के साथ ही मन में एक तसल्ली है कि मरणोपरांत भी समाज एंव राष्ट्र के लिए हमारी देह कुछ काम आएगी.

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