यूजीसी ने किया बडा बदलाव, अब स्टूडेंट्स कर सकेंगे मल्टीपल मोड मे पढ़ाई, अब होंगे एक साथ दो कार्स

UGC ने बडा बदलाव किया है. स्टूडेंट्स के पास मल्टिपल एंट्री-एक्जिट यानी कई बार कोर्स में प्रवेश करने, छोड़ने और फिर से उसी कोर्स की पढ़ाई करने की छूट होगी. साथ ही सिंगल डोमेन के इंस्टीट्यूट जैसे मैनेजमेंट, एजुकेशन, लॉ, इंजीनियरिंग के संस्थान मिलकर डिग्री दे सकेंगे. 

UGC ने बडा बदलाव कर देने के बाद अब स्टूडेंट्स मल्टिपल मोड यानी क्लासरूम फेस-टु-फेस पढ़ाई के साथ ही डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन से कोर्स पूरा कर सकेंगे.  इतना ही नहीं डुअल कोर्स भी कर सकेंगे, यानी दो मान्य कोर्स एक साथ कर सकेंगे. हर संस्थान में छात्रों को ओरिएंटेशन व काउंसिलिंग की व्यवस्था होगी.

UGC ने गाइडलाइन में सभी राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों से नई व्यवस्था को लागू करने के लिए अपने नियम और नीतियां बनाने के लिए कहा है. संस्थान चाहें तो वे सत्र 2022-23 से ही इसे लागू कर सकेंगे. छात्र कॉलेज जा सकता है तो फेस-टु-फेस क्लासरूम में पढ़ाई कर सकता है. कॉलेज नहीं जा सकता तो ऑनलाइन कोर्स कर सकता है या डिस्टेंस लर्निंग चुन सकता है. छात्र को अलग-अलग सेमेस्टर में तीनों मोड में किसी एक मोड को चुनने की सुविधा भी मिलेगी.

UGC के चेयरमैन एम.जगदीश कुमार ने बताया कि यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार देश में तीन तरह के संस्थान होंगे- पहला- रिसर्च यूनिवर्सिटी, दूसरा- टीचिंग यूनिवर्सिटी और तीसरा- ऑटोनॉमस कॉलेज. तीन हजार से ज्यादा छात्र हैं तो कॉलेज अपने स्तर पर डिग्री दे सकेंगे. किसी छात्र ने एक वर्ष की पढ़ाई पूरी की तो उसे सर्टिफिकेट, दो वर्ष पूरा करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष पूरा करने पर डिग्री, 4 वर्ष पूरा करने पर ऑनर्स या डुअल डिग्री मिलेगी. 

UGC के चेयरमैन एम.जगदीश कुमार के अनुसार नई गाइडलाइन करिअर के लिहाज से अच्छी रहेगी. छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में खाता खोलना होगा. इसमें पढ़े विषय व उनके अंक 7 वर्ष तक सुरक्षित रहेंगे. पढ़ाई करने, बीच में छोड़ने और फिर कोर्स पूरा करने का मौका होगा. विश्वविद्यालय और सिंगल डोमेन यानी केवल प्रबंधन, केवल लॉ, केवल इंजीनियरिंग, केवल एजुकेशन या केवल मेडिकल की पढ़ाई कराने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को अब मल्टी डिसिप्लनरी मोड अपनाना होगा.

यूजीसी में बदलाव के बाद अब स्टूडेंट तीन हजार से ज्यादा छात्र वाले कॉलेज नए विभाग खोलकर बहुविषयक ऑटोनॉमस कॉलेज का दर्जा हासिल कर सकेगा. अगर किसी कॉलेज में छात्रों की संख्या तीन हजार से कम होगी तो अन्य कॉलेजों के साथ करार कर सकेंगे. किसी एक प्रबंधन के अधीन संस्थान व संस्थान समूह में भाषा, साहित्य, संगीत, फिलॉसफी, इंडोलॉजी, आर्ट, डांस, थियेटर, एजुकेशन, मैथेमेटिक्स, स्टैटिस्टिक्स, प्योर एंड एप्लाइड साइंस, सोशियोलॉजी, इकोनॉमिक्स, स्पोर्ट्स, ट्रांसलेशन व इन्टरप्रेटेशन के विभाग होंगे.

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