यूपीएससी: सबसे कठिन परीक्षा, इन किताबों की मदद से बन सकते है IAS

अगर आपकों यूपीएससी की तैयारी करनी है तो आपको कड़ी मेहनत करनी पडेगी, इसके लिए अच्छी प्लानिंग और स्टडी मटेरियल के लिए एक रणनीति की जरूरत होती है.

UPSC की तैयारी के लिए कौन सी किताबें हैं जो आपके नाम के आगे IAS लगवा सकती हैं. भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC को कड़ी मेहनत से ज्यादा की आवश्यकता होती है. इसके लिए अच्छी प्लानिंग और स्टडी मटेरियल के लिए एक रणनीति की जररूत होती है जो कम इनपुट के साथ आपकी तैयारी को ज्यादा प्रॉडक्टिव बनाती है. बुक को कई बार पढ़ने से प्रीलिम्स के साथ-साथ मेंस के लिए भी अच्छे नंबर दिलाने में मदद मिलती है. यह यूपीएससी की सबसे ज्यादा बिकने वाली तैयारी गाइडों में से एक है.

यह देश की संस्कृति और कला में एक गाइड है. इसमें प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों के लिए भारतीय कला, पेंटिंग, संगीत और वास्तुकला पर ज्ञान के बारे में सभी जानकारी शामिल हैं. लेखक एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से सिविल सेवक बने हैं जो इस विषय में उम्मीदवारों को गाइड करते हैं. सोवरेन राज्यों के उद्भव के समय से लेकर वर्तमान वैश्विक मुद्दों तक, इस UPSC पुस्तक में सभी प्रमुख घटनाओं को शामिल किया गया है. यह किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले सभी स्टूडेंट्स द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है.

पद्म श्री-प्राप्तकर्ता लेखक एक इतिहासकार हैं, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इंटरनेशनल स्टडीज में प्रोफेसर के पद से रिटायर हुए हैं. इस किताब को पॉलिसी ओरिएंटेड पर्सपेक्टिव के हिसाब से लिया गया है. जिसमें देश की वर्तमान विदेश नीति में सभी प्रमुख चुनौतियों को शामिल किया गया है. यह विदेश नीति निर्माण में नए रुझानों का भी विश्लेषण करता है.

लेखक भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी थे 36 साल का राजनयिक करियर रहा. इसमें देश में आर्थिक विकास और विकास में उतार-चढ़ाव की एक व्यवस्था है. एक बेहतर और ज्यादा व्यापक समझ के लिए इसमें अलग अलग फ़्लोचार्ट, टेबल, ग्राफ़ और उदाहरण शामिल किए गए हैं. आर्थिक कूटनीति, ऊर्जा सुरक्षा, कूटनीति, रक्षा और विदेशी संगठनों के बीच बातचीत कुछ ऐसे विषय हैं जिन पर चर्चा की गई है. सिविल सेवक लेखक अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं.

इंडियाज स्ट्रगल फॉर इंडिपेंडेंस की अगली कड़ी, इस पुस्तक के लेखक बिपन चंद्र, मृदुला मुखर्जी और आदित्य मुखर्जी हैं. यह ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद देश को मिली सफलता और चुनौतियों का व्यापक रूप से विश्लेषण करती है. यह पांच दशकों की कहानी बताती है जिसमें नेहरू सरकार के दौरान राजनीतिक और आर्थिक एजेंडा के साथ-साथ विदेश नीति भी शामिल है. यह पुस्तक बैचलर ऑफ आर्ट्स/कॉमर्स ग्रेजुएट के सिलेबस का हिस्सा है. यह स्वतंत्रता के बाद देश में तैयार की गई प्रमुख आर्थिक नीतियों का एक मूल विचार देती है. यह यूपीएससी समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी है.

टी आर जैन और वी के ओहरी दोनों अर्थशास्त्री हैं जिन्होंने संयुक्त रूप से कई किताबें लिखी हैं जो सीबीएसई और यूजीसी पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं. एक यूपीएससी उम्मीदवार के लिए एक एटलस जरूरी है और ऑक्सफोर्ड एटलस वर्तमान में उपलब्ध सबसे बेस्ट में से एक है. इसमें प्रिंट क्वालिटी के साथ व्यापक डेटा की एक भरपूर जानकारी है. सटीकता तो रिसर्चर्स के लिए भी एकदम सही है. यह उन उम्मीदवारों के लिए सबसे उपयोगी है जो भूगोल को ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुनते हैं.

मैकग्रा हिल द्वारा प्रकाशित, यह किताब सभी प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दों की व्याख्या करती है और उन लोगों के लिए व्यावहारिक समाधान सुझाती है. यह उम्मीदवारों को आपदा प्रबंधन से संबंधित सवालों के जवाब से लैस करती है जो सीएसई में जरूरी हैं. जटिल सिलेबस को इस किताब द्वारा आसानी से कवर किया जाता है. इस पुस्तक में देश की आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों और अन्य समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई है. लेटेस्ट फोर्थ एडिशन में जम्मू और कश्मीर की वर्तमान स्थिति, नया सोशल मीडिया कोड, भारत में इंटरनेट प्रतिबंध और COVID-19 के प्रभाव शामिल हैं. पुस्तक के सह-लेखक अशोक कुमार IPS और विपुल अनेकांत DANIPS हैं.

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