राष्ट्रीय लोक अदालत में सीकर न्यायक्षेत्र के 55,964 प्रकरणों का निस्तारण, ₹8.49 करोड़ के अवार्ड पारित…

राष्ट्रीय लोक अदालत में सीकर न्यायक्षेत्र के 55,964 प्रकरणों का निस्तारण, ₹8.49 करोड़ के अवार्ड पारित

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर राजेन्द्र कुमार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर के तत्वावधान में शनिवार को तालुका विधिक सेवा समितियों रींगस, श्रीमाधोपुर, दांतारामगढ़, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर, नीमकाथाना तथा सीकर न्यायक्षेत्र के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय लोकअदालत में 16 बैंचों का गठन कर सभी प्रकार के राजीनामा योग्य आपराधिक मामलें, सिविल प्रकृति के मामलें, पारिवारिक मामलें, चेक अनादरण प्रकरण, बैंकों के ऋण वसूली मामलें, राजस्व से संबंधित मामले रखे गये, जिनमें प्री-लिटिगेशन बैंच में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर शालिनी गोयल व जिला एवं सत्र न्यायालय, अपर जिला एवं सेशन न्यायालयों तथा न्यायालय में लंबित एमएसीटी एवं पारिवारिक प्रकरणों व उपभोक्ता विवाद प्रतितोषों की सुनवाई महेन्द्र प्रताप बेनिवाल, न्यायाधीश अपर जिला एवं सेशन न्यायालय क्रम 01 सीकर, सीजेएम व एसीजेएम मामलों की सुनवाई प्रशांत पूनियाँ, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 02 सीकर एवं जेएम, जे.जे.बी, एन.आई. कोर्ट एवं ग्राम न्यायालय कुडली के मामलों की सुनवाई हिमांशु कुमावत, न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीकर के द्वारा की गई।

राष्ट्रीय लोक अदालत में सीकर न्यायक्षेत्र में लम्बित कुल 72589 प्रकरणों में से 55964 प्रकरणों का निस्तारण कर राशि 84983482/- रूपए के अवार्ड पारित किए गए तथा प्री-लिटिगेशन के कुल 46506 लंबित प्रकरणों में से 26945 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामा द्वारा किया गया एवं राशि 32502837/- रूपए के अवार्ड पारित किये गये।

कार्यक्रम का शुभारम्भ न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार, जिला एवं सेशन न्यायाधीश महोदय सीकर, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर शालिनी गोयल, विकास स्वामी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीकर, महेन्द्र प्रताप बेनिवाल, न्यायाधीश अपर जिला एवं सेशन न्यायालय क्रम 01 सीकर, हिमांशु कुमावत, न्यायिक मजिस्ट्रेट, सीकर, जिला बार संघ अध्यक्ष भागीरथमल जाखड़, प्रशिक्षित मध्यस्थ पुरूषोत्तम शर्मा एवं बृजेन्द्र सिंह रूलानियां, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल सीकर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर राजेन्द्र कुमार, जिला एवं सेशन न्यायाधीश के द्वारा लोक अदालत का महत्व समझाते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरणों के निस्तारण से समय, धन की बचत होने व आपसी सौहार्द्र बनाये रखते हुए प्रकरणों को निस्तारित करने की अपील की गई एवं अधिकाधिक मामले राजीनामे से निस्तारित करने की बात कही गई।

प्री-लिटिगेशन बैंच पर प्रो-बोनो सेवा के रूप में बैंच अध्यक्ष शालिनी गोयल सदस्यगण पैनल अधिवक्ता पुरूषोत्तम शर्मा एवं बृजेन्द्र सिंह रूलानियां, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल ने अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारत संचार निगम लिमिटेड एवं अन्य बैंक व वितीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं लिटिगेंट्स के मध्य समझाईश कर सैकडों प्रकरणों का निस्तारण किया गया। प्री-लिटिगेशन बैंच में राशि 9,29,000/- रूपए के बैंक लोन बकाया प्रकरण में लोक अदालत की भावना से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 2,80,000/- रूपए में समझौता किया, इसी प्रकार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा 15 लाख रूपये के प्रकरण में 10 लाख रूपये में समझौता किया जाकर पक्षकारान को राहत प्रदान की गई।

पारिवारिक न्यायालय के द्वारा कुल 17 प्ररकणों का निस्तारण किया गया। उक्त प्रकरणों में से 02 प्रकरण जिनमें दम्पत्ती जो 04 वर्षों से एक दूसरे से पृथक रह रहे थे, का राजीनामा करवाया जाकर एक दूसरे के साथ रह कर पुनः दाम्पत्य जीवन शुरू करने के लिए राजी किया गया।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर शालिनी गोयल ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य पीड़ित व्यक्तियों तक सुलभ न्याय पहुंचाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायपालिका का पर्व है, राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले पक्षकारों को संबंधित न्यायलय तक पहुंचने में सहायता करने के लिए हेल्पडेस्क की स्थापना भी की गई। लोक अदालत बैंच के अभूतपूर्व सहयोग से सीकर न्यायक्षेत्र के प्री-लिटिगेशन एवं न्यायालयों में लम्बित हजारों प्रकरणों में समझाईश करवाई जाकर राजीनामें के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

उक्त लोक अदालत में एवीवीएनएल विभाग सीकर, बीएसएनएल विभाग के प्रतिनिधि, अधिवक्तागण, बैंक प्रतिनिधि, पक्षकार एवं न्यायालय स्टाफ आदि उपस्थित रहे।

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