रीट के बाद होने वाली शिक्षक भर्ती में बड़ी समस्या, इस बात से परेशान हैं राजस्थान के बेरोजगार

रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक भर्ती परीक्षा भी जनवरी या फरवरी में आयोजित होने की संभावना है, लेकिन जनवरी और फरवरी में आयोजित होने वाली शिक्षक भर्ती के सिलेबस का पेंच अब शिक्षा विभाग और परीक्षा एजेंसी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के बीच फंसता जा रहा है.

Jaipur: 46 हजार 500 पदों पर 23 और 24 जुलाई को रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन प्रस्तावित है. वहीं, रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक भर्ती परीक्षा भी जनवरी या फरवरी में आयोजित होने की संभावना है, लेकिन जनवरी और फरवरी में आयोजित होने वाली शिक्षक भर्ती के सिलेबस का पेंच अब शिक्षा विभाग और परीक्षा एजेंसी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के बीच फंसता जा रहा है. शिक्षा विभाग जहां सिलेबस जारी करने के निर्देश बोर्ड को दे चुका है तो वहीं बोर्ड द्वारा विज्ञप्ति जारी होने के बाद सिलेबस जारी करने की बात दोहरा रहा है.

गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 23 और 24 जुलाई को रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाया जाना है. वहीं, शिक्षा विभाग की ओर से रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के बाद होने वाली शिक्षक भर्ती को लेकर परीक्षा एजेंसी राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को नियुक्त किया है. पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने बोर्ड को पत्र लिखकर बोर्ड द्वारा सिलेबस जारी करने के निर्देश दिए. जिसके बाद बोर्ड अध्यक्ष द्वारा शिक्षक भर्ती की विज्ञप्ति जारी होने के बाद सिलेबस जारी करने की बात कही गई. जिसके बाद से ही प्रदेश के बेरोजगारों ने ना सिर्फ जल्द सिलेबस जारी करने साथ ही कठिनाई स्तर को भी कम करने की मांग तेज कर दी है.

राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में जब बेरोजगारों ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात की तो उसके बाद शिक्षा विभाग और बोर्ड के बीच चल रहे इस टकराव में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने हस्तक्षेप किया. बीडी कल्ला ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है कि जल्द ही शिक्षा विभाग के अधिकारी और बोर्ड के अधिकारी बैठकर मीटिंग करके समस्या क समाधान करें. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि “23 और 24 जुलाई को रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन होने जा रहा है तो वहीं बोर्ड द्वारा जनवरी या फरवरी में शिक्षक भर्ती परीक्षा के आयोजन की बात कही जा रही है. ऐसे में अब महज 6 से 7 महीनों का समय परीक्षार्थियों के पास बचा है, लेकिन अभी तक शिक्षक भर्ती परीक्षा के सिलेबस का भी अता पता नहीं है. इसके साथ ही कठिनाई स्तर को भी बढ़ा दिया गया है, जिसको जल्द से जल्द कम करना चाहिए.” वहीं, कठिनाई स्तर को लेकर परीक्षा एक्सपर्ट अरुण ढाका का कहना है कि “पिछली दो शिक्षक भर्तियों कठिनाई स्तर 10वीं कक्षा स्तर का रहा है, लेकिन पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कठिनाई स्तर को 10वीं से बढ़ाकर 12वीं कर दिया है. ऐसे में अब परीक्षार्थियों को पढ़ाई करने में ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, क्यूंकि साइंस और मैथ्य के एक ही पद होते हैं. ऐसे में विज्ञान वालों को गणित और गणित वाले परीक्षार्थियों को विज्ञान विषय का भी अध्ययन करना पड़ेगा. इसलिए कठिनाई स्तर को फिर से 10वीं स्तर का ही करना चाहिए.”

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