लव स्टोरी: एक मजाक ने बिगाड़ दिया सब कुछ, दुखद अंत के साथ खत्म हो गई; मूमल-महेंद्र की लव स्टोरी

राजा महेंद्र मूमल को देखते ही स्तब्ध रह गए. साथ ही, मूमल से नजरें हटा नहीं पाए. दूसरी ओर रानी भी महेंद्र के चेहरे के तेज और आंखों को देखती रह गई.

धापू खान के गाने में मूमल की सुंदरता के बारे में बताया गया है, जो एक राजस्थान का लोक गीत है. मूमल लदरवे (लुद्रवे ) में जन्मी है और राणा (राजकुमार ) अमरकोट का है. विधाता ने ऐसे लेख लिख दिए हैं. 

कहते हैं प्यार किसी से भी और कभी भी हो सकता है. दुनिया में हमने कई प्रेम कहानियां सुनी है. ऐसी ही एक लव स्टोरी राजस्थान की मूमल महेंद्र की है, जो विश्व में जानी जाती है. वैसे तो दुनिया में कई कहानियां जैसे ढोला-मारू, हीर-रांझा, सोहनी-महिवाल, बाजीराव और मस्तानी आदि की कहानी काफी प्रमुख हैं, लेकिन ये कहानी थोड़ी सी अलग है. इस कहानी में जहां मूमल बहुत सुंदर थी वहीं, महेंद्र सहासी थे. मूमल महेंद्र की लव स्टोरी बहुत सालों पुरानी है. चलिए हम बतातें हैं क्या है मूमल-महेंद्र की प्रेम कहानी……………….

मूमल राजस्थान के जैसलमेर के लौद्रवा की रहने वाली थी, वहीं महेंद्र अमरकोट (पाकिस्तान) के रहने वाले थे. लौद्रवा जैसलमेर के पास बहने वाली काक नदी के पास बसा हुआ है और यहीं रानी मूमल का महल भी था, जिसे  इकथंभीया-महल के नाम से जाना जाता है. मूमल महल के मेड़ी पर रहती थी. राजस्थान में छत पर बने कमरों को मेड़ी कहा जाता है. कहते है कि इस महल के ऊपर जाने के लिए कई खुफिए रास्ते थे और यह महल एक रहस्यमई जगह थी. इस महल में अजगर, शेर, सांप जैसे डरावने जानवर रहते थे, जिन्हें देख हर कोई डर जाता था और लोग इस महल में जाने से डरते थे. 

कहते है कि मूमल ने सभा में यह ऐलान किया था कि जो राजा इन सभी डरावने जानवरों से लड़कर मुझ तक पहुंचगे, मैं उसी के साथ शादी करूंगी. वहीं, रानी मूमल इतनी खूबसूरत थी कि उनकी खूबसूरते के चर्चें  गुजरात, मारवाड़, ईरान, ईराक और सिंध तक फैले हुए थे. मिली जानकरी के अनुसार, कहा जाता है कई राजा यहां मूमल से मिलने आए, लेकिन कोई भी रानी तक पहुंच नहीं पाता, वहीं, अगर पहुंच जाता भी तो फिर वह रानी के सवालों के जवाब नहीं दे पाता था. 

राजा महेंद्र को शिकार करने का बड़ा शौक था, महेंद्र अपने साले हमीर के साथ अमरकोट के पास शिकार करते थे. इसी के चलते एक दिन राजा महेंद्र शिकार करते- करते काक नदी के पास बसे लौद्रवा में पहुंच गए. वहीं, महेंद्र ने एक सुंदर बगीचा देखा और इस बाग में कई तरह के फूल, फलदार पेड़ आदि के बीच एक महल दिखाई दिया. महेंद्र को महल देखने में बड़ा सुंदर और अजीब लगा. इस महल के ऊपर कई खतरनाक पशुओं के चित्र बने हुए थे. 

वहीं, राजा महेंद्र महल को देखने के लिए बगीचे में अंदर आ गए, वहां उनको एक दासी दिखाई दी. दासी ने महेंद्र को रूकने के लिए कहा, वहीं महेंद्र ने कहा कि हम शिकार करते हुए यहां पहुंच गए हैं और थक चुके है इसलिए आराम करना चाहते हैं. वहीं, दासी के महेंद्र को रानी मूमल के बारे में बताया और कहा कि वह बहुत सुंदर हैं और उनकी खूबसूरती के चर्चे पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. इसके बाद दासी ने महेंद्र से पूछा कि क्या आपने उनका नाम सुना है? इस पर राजा ने जबाव देते हुए कहा कि नहीं, मैंने नहीं सुना है. 

इस पर दासी ने कहा कि ये महल और बगीचा रानी मूमल का ही है और वह यहां अपनी सहेलियों के साथ रहती हैं. साथ हीं दासी ने राजा को बताया कि जो व्यक्ति रानी तक पहुंचेगा और उनके सवालों का जवाब देगा, रानी उससे शादी करेंगी. वहीं, ये सब सुनने के बाद राजा महेंद्र रानी मूमल के बारे में और जानने के लिए उत्सुक हो गए.  

वहीं, इसके बाद दासी रानी मूमल को राजा महेंद्र के बारे में बताती है और रानी उसे कहती है कि वे हमारे मेहमान है और उनके रहने का इंतजाम किया जाए. राजा महेंद्र वहां रूक जाते हैं और एक सेवक जब उनके पास भोजन लेकर आता है तो उससे राजा ने रानी मुमल के बारे में जानना चाहा. तब सेवक कहता है कि अगर मैं आपको रानी मूमल के बारे में बताने लग गया तो सुबह से शाम हो जाएगी. रानी मूमल इतनी सुंदर हैं कि उनकी खूबसूरती को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. वह इतनी सुंदर हैं कि जब वह शीशे के सामने जाती हैं, तो शीशा टूट जाता है. वहीं, वह दूध से नहाती है और तन पर चंदन का लेप लगाती हैं. वह दुनिया में सबसे सुंदर और अलग हैं. 

इसके बाद सेवक कहता है कि उन्हें देखने के लिए दूर-दूर से प्रसिद्ध राजा, महाराजा और कई राजकुमार आए, लेकिन रानी ने उनकी तरफ एक नजर भी नहीं देखा.  
सेवक ने कहा कि रानी उस राजकुमार से शादी करेगी जो उसका दिल जीत लेगा, वरना वह जीवन भर शादी नहीं करेगी. यह सब सुनने के बाद राजा महेंद्र रानी से मिलने के लिए उत्सुक हो गए और उन्होंने रानी से मिलने के लिए संदेश भिजवाया. वहीं, रानी ने महेंद्र को ऊपर बुलाया और राजा महेंद्र मूमल को देखते ही स्तब्ध रह गए. साथ ही, मूमल से नजरें हटा नहीं पाए. दूसरी ओर रानी भी महेंद्र के चेहरे के तेज और आंखों को देखती रह गई. 

वहीं, मूमल ने राजा महेंद्र का स्वागत किया. दोनों साथ रात भर बैठे रहे और बातें करते रहे. इसी के चलते दोनों को पहली नजर में एक-दूसरे से प्यार हो गया था. वहीं, दोनों रातभर बाते करते रहे और न जाने कब सुबह हो गई, लेकिन  न तो राजा वहां से जाना चाहते थे और न ही मूमल चाहती थी कि महेंद्र वहां से जाएं. आखिर राजा को न चाहते हुए भी वहां से जाना पड़ा, लेकिन महेंद्र ने मूमल से वादा किया कि वह जल्द ही वापस मिलने आएंगे. राजा महेंद्र रानी को देखने के बाद सब कुछ भूल गए और उनके दिमाग और दिल में केवल मूमल बस गई. इसी के चलते राजा ने मन में ठान लिया कि वह मूमल से शादी करके उसे अपने साथ अमरकोट लेकर आऊंगा. बता दें कि राजा महेंद्र पहले से शादीशुदा थे और उनकी पहले से ही 7 पत्नियां थी. 

इसी के चलते जब राजा अमरकोट पहुंचे तो उन्होंने रानी मूमल से मिलने के लिए एक प्लान बनाया. महेंद्र के यहां एक रामू रायका नामक एक व्यक्ति रहता था जो ऊंट चराने का काम करता था. राजा उसके पास गए और बोले कि मुझे एक ऐसा ऊंट चाहिए, जो रात को मुझे लौद्रवा ले जाकर सुबह अमरकोट वापस ले आए. इसे सुन रामू रायका ने कहा कि एक चीतल नाम का एक ऊंट है, जो बहुत तेज दौड़ता है, जो आपको वह आपको रात को लौद्रवा ले जाकर सुबह अमरकोट वापस लेकर आ जाएगा. 

शाम को रामू रायका ऊंट को सजाकर महेंद्र के पास ले गए और राजा उस पर सवार होकर रानी मूमल से मिलने पहुंच गए और सुबह अमरकोट लौट आए. धीरे- धीरे महेंद्र और मूमल की प्रेम कहानी परवान चढ़ने लगी और यह मिलने वाला सिलसिला बहुत दिन तक चला. वहीं, कुछ दिन बाद इस बारे में राजा की सातों पत्नियों को इस बारे में पता चला. उन्होंने राजा महेंद्र को रोकने के लिए एक षड्यंत्र रचा और ऊंट चीतल के पैर तुड़वा दिए, ताकि राजा मूमल से मिलने ना जा सकें, लेकिन कहते है न सच्चे प्यार कभी खत्म नहीं होता है, महेंद्र दूसरा ऊंट लेकर रानी मूमल से मिलने के लिए लौद्रवा पहुंचे, लेकिन उन्हें पहुंचने में बहुत देर हो गई थी और रानी मूमल उनका इंतजार करते करते सो गई. 

इसी के चलते, अब महेंद्र मूमल की लव स्टोरी में एक मोड़ आता है. मूमल के साथ उनकी बहन सुमल भी थी, वह उस दिन खेलती- खेलती साथ सो गई. उस दिन मूमल की बहन ने पुरुषों के कपडे़ पहन रखे थे. वहीं, जब राजा वहां पहुंचा और उसने ये देखा तो महेंद्र ने सोचा कि मूमल के साथ यह पुरुष कौन है? ये देख राजा वापस लौट गया और महेंद्र का चाबुक टूट कर वही गिर गया. राजा ने सोचा कि मूमल किसी और से भी प्रेम करती है. सुबह मूमल उठी और उसने वह चाबुक देखा और समझ गई कि यहां राजा आए थे और उन्हें बिना मिले राजा महेंद्र के लौट जाने की वजह भी उन्हें पता चल गई. 

इसी के चलते रानी कई दिनों तक राजा का इंतजार करती रही लेकिन महेंद्र नहीं आए. रानी ने खाना छोड़ दिया, श्रृंगार करना छोड़ दिया लेकिन राजा नहीं लौटे. दूसरी ओर महेंद्र को यकीन नहीं हो रहा था कि आखिर मूमल ऐसा कैसे कर सकती है? रानी के राजा को कई खत लिखे, लेकिन महेंद्र तक चिट्ठी पहुंचने से पहले उसकी सातों पत्नियां उन्हें फाड़ देती, जिसके बारे में राजा को भनक तक नहीं लगती. फिर रानी मूमल ने महेंद्र से मिलने के लिए अपने के सेवक को भेजा, लेकिन अमरकोट में उसे राजा से मिलने दिया गया . वहीं सेवक ने हार नहीं मानी और छुपकर बैठ गया और रात को वह महेंद्र के पास पहुंच गया. उस समय राजा सो रहे थे तभी वह सेवक गाना गुनगुनाने लगा. 

तुम्हारे बिना सोढ राण, यह धरती धुंधली, तेरी मूमल रानी है उदास,
मूमल के बुलावे पर असल प्रियतम महेंद्र अब तो घर आव

जब राजा ने ये सुना तो वह बाहर आए. वहीं, महेंद्र ने सेवक को सारी बाते बताई और सेवक रानी मूमल के पास राजा को संदेशा लेकर वापस पहुंचा. यह सुनकर मूमल के पैरों तले जमीन खिसक गई और उसके समझ में आ गया कि आखिर गलतफहमी की वजह क्या थी.

इसके बाद रानी ने दुबारा राजा के पास संदेश भिजवाया कि वह राजा से मिलने अमरकोट आ रही हैं. वहीं, जब ये सब महेंद्र को पता लगा तो उन्होंने सोचा कि रानी मूमल निर्दोष है तभी वह मुझसे मिलना चाहती हैं. राजा ने फिर संदेश भेजा कि मूमल को यहां पर आने की जरूरत नहीं है, वह खुद उनसे मिलने आ रहे हैं. रानी मूमल ये सुनकर वह बहुत खुश हुई और राजा महेंद्र का इंतजार करती रही. 

वहीं, राजा ने सोचा क्यों न मूमल के प्रेम की परीक्षा ली जाए? तब राजा ने लौद्रवा पहुंचकर एक संदेश मुमल के पास भेजा कि महेंद्र को सांप ने डस लिया है और उनकी मृत्यु हो गई. यह संदेश रानी तक पहुंचा और यह सब सुनने के बाद मूमल वही गिर पड़ी. साथ हीं, कई बार  महेंद्र-महेंद्र का नाम पुकारने के बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए. 

दूसरी ओर यह खबर राजा तक पहुंची कि महेंद्र के वियोग में रानी मूमल ने प्राण त्याग दिए, तो राजा भी रेत के टीलों में रोते-रोते मूमल मूमल करते रहे और उन्होंने भी प्राण त्याग दिए. इस तरह इस अनोखी प्रेम कहानी का बेहद दुखद अंत हुआ, लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि मूमल-महेंद्र के मिले बिना इस लव स्टोरी का अंत हो जाएगा.

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