हस्तशिल्प से आत्मनिर्भरता, 100 दस्तकारों को उन्नत टूलकिट वितरित…
स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सीकर में हुआ विशेष कार्यक्रम
सीकर 30 मार्च। कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं सीकर हैण्डीक्राफ्ट प्रोड्युसर कम्पनी लिमिटेड सीकर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास योजनान्तर्गत उन्नत टूलकिट (टाई एण्ड डाई क्राफ्ट) के 100 दस्तकारों को वितरण किये गये। कार्यक्रम स्थानीय सीकर अरबन हाट, कृषि उपज मण्डी के सामने, सीकर में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रतन लाल जलधारी, पूर्व विधायक एवं विकास सिहाग, महाप्रबंधक, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, सीकर एवं सज्जनपाल, कालीन प्रशिक्षण अधिकारी, हस्तशिल्प विकास केन्द्र, जयपुर के कर कमलों द्वारा टूल किट वितरित किया गये।
इस अवसर पर वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के कालीन प्रशिक्षण अधिकारी, हस्तशिल्प विकास केन्द्र, जयपुर के सज्जन पाल द्वारा उन्नत टृलकीट की उपयोगिता एवं अन्य विभागीय योजनाओ के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। सज्जन पाल ने बताया कि देश में हस्तशिल्प के आर्टीजनों को हमारे विभाग से विभिन्न प्रकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जाता है, वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्वरोजगार स्थापित करने के लिए आर्टीजनों के हित को देखते हुए उनको अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने के साथ-साथ विपणन तक की सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि टाई एण्ड डाई करने वाली महिला आर्टिजनों को वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़ने एवं उनसे होने वाले लाभों के बारे में बतलाया।
पूर्व विधायक रतन लाल जलधारी ने बताया कि सीकर में महिला स्वरोजगार स्थापित करने के लिए भारत सरकार द्वारा इस योजना का फायदा सभी आर्टीजनों को मिलेगा एवं वे अपना स्वयं का कार्य प्रारम्भ कर सकते है। उन्होंने बताया कि आज राजस्थान दिवस के मौके पर इस प्रकार के कार्यक्रम में आज महिलाओं को स्वरोजगार से जोडना भारत सरकार की योजना का आर्टीजन तक मूल रूप से पहुंचाना साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में बांधनी, कसीदाकारी, काम के वस्त्रों, हीरे जवाहरात जडे चमकते आभूषणों एवं ब्लू पोटॅरी, मीनाकारी आदि के काम के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि कलाऐं हजारों सालो से पीढी दर पीढी पोषित होती आ रही है।
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र महाप्रबंधक विकास सिहाग ने बताया कि भारत हस्तशिल्प का सर्वोत्कृष्ट केन्द्र माना जाता है, भारत में दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुऐं भी कोमल कलान्मक रूप से गढी जाती है। इस प्रकार के कार्यक्रम से भारतीय हस्तशिल्पकार की रचनात्मक कला को नया रूप प्रदान करने में सहायता मिलती है। भारत का प्रत्येक क्षेत्र अपने विशिष्ठ हस्तशिल्प को गौरवान्वित करता है। इस दौरान उन्होने बताया कि उद्योग विभाग द्वारा भी आर्टीजनों को विभिन्न प्रकार की योजनाओं जैसे बाजार सहायता, ऋण सुविधा एवं अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम करने से स्वरोजगार स्थापित होगा तथा तैयार माल के विपणन के लिए विभाग द्वारा योजनाओं का संचालन हो रहा है।
मनमोहन पालीवाल निदेशक सीकर हैण्डीक्राफ्ट प्रोड्युसर कम्पनी लिमिटेड सीकर ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम निरन्तर आयोजित किये जायेगें ताकि विभिन्न सरकारी योजनानाओं के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त होगा तथा प्रशिक्षणार्थियों को स्वरोजगार से जोडने में सहयोग मिलेगा। इस अवसर पर नेशनल अवार्डी मोहम्मद मुस्लिम, द्वारा महिलाओं को प्रोत्साहन किया।
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