ऐतिहासिक दरगाह आफ़ताबे शेखावाटी हज़रत ख़्वाजा हाजी मुहम्मद नजमुद्दीन साहिब सुलैमानी चिश्ती अल्फ़ारूक़ी रहमतुल्लाह अलयह में 157 वें सालाना उर्स मुबारक का विधिवत झण्डे की रस्म के साथ हुआ. असर की नमाज़ के बाद दरगाह के सज्जादानशीन व मुतवल्ली पीर ग़ुलाम नसीर साहब नजमी सुलैमानी चिश्ती अल्फ़ारूक़ी ने दरगाह के बुलंद दरवाजे पर ध्वजारोहण कर 157 वें उर्स का विधिवत आरम्भ किया. झण्डे की रस्म में सैंकड़ो जायरीन सम्मिलित हुए और अपनी अपनी मन्नत मुरादें मांगी. देर रात दरगाह शरीफ में ग़ुस्ल की रस्म अदा की गई जिसमें मुख्य मज़ार को गुलाबजल और केवड़े से ग़ुस्ल दिया गया और संदल चढ़ाया गया.
पीर ग़ुलाम नसीर साहब ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि 5 और 6 मई को पूर्व सज्जादानशीन व मुतवल्ली पीर नुरुल हसन साहब का उर्स मनाया जाएगा, 6 मई को देश के मशहूर क़व्वाल चाँद क़ादरी अपने कलाम पेश करेंगे. 9 मई को नजमुल औलिया कॉन्फेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसमे सय्यद नूरानी मियां मुख्य वक्ता होंगे. 10 मई को क़दीमी शाही चादर का जुलूस शाही लवाजमे के साथ मुहल्ला चेजरान से रवाना हो कर शाम 7:30 बजे दरगाह शरीफ पहुंचेगा जहां पीर ग़ुलाम नसीर साहब उसे अपने सर पर ग्रहण कर मुख्य मज़ार पर पेश करेंगे.
11 मई को कुल की रस्म के साथ उर्स का विधिवत समापन होगा. उर्स के दौरान देश के कोने कोने से हज़ारों ज़ायरीन दरगाह तशरीफ़ लाते हैं. उर्स के दौरान रोज़ाना क़ुरान ख्वानी, सुबह शाम लंगर, रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक क़व्वाली की महफ़िल का आयोजन किया जाएगा जिसमें मुल्क के नामवर क़व्वाल क़व्वालियाँ पेश करेंगे.
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