300 घरों वाले जीणमाता को नज़रअंदाज कर 15 घरों वाले माण्डोली को बनाया ग्राम पंचायत मुख्यालय, ग्रामीणों का विरोध…

ना सुविधाएं, ना सरकारी दफ्तर, फिर भी माण्डोली को मुख्यालय बनाए जाने पर ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित ग्राम पंचायत रलावता के पुनर्गठन में माण्डोली को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाए जाने का जीणमाता गांव के ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया है। गुरुवार को जीणमाता के प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए माण्डोली के स्थान पर जीणमाता को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि माण्डोली में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है।

ज्ञापन में बताया गया कि माण्डोली मात्र 15-16 घरों का छोटा सा गांव है, जिसकी सड़क महज 10 फुट चौड़ी है और केवल एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय मौजूद है। वहीं दूसरी ओर, जीणमाता में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पुलिस थाना, सहकारी समिति, आयुर्वेदिक औषधालय, वन विभाग की चौकी, पटवार भवन, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय समेत कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय स्थित हैं। इसके अलावा जीणमाता धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और सभी गांवों से पक्की सड़कों द्वारा जुड़ा हुआ है।

ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि जीणमाता, जीणवास, माण्डोली, निमेड़ा और तंबाकूपूरा को मिलाकर एक नई ग्राम पंचायत बनाई जाए, जिसका मुख्यालय जीणमाता हो। उनका कहना है कि जीणवास और जीणमाता के बीच ऐतिहासिक व धार्मिक संबंध है, जिन्हें तोड़ना अनुचित होगा। ग्रामीणों ने राजनैतिक प्रभाव के चलते लिए गए इस निर्णय को नियमों के विरुद्ध बताया और इसे जनहित में जल्द निरस्त करने की मांग की।

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