आखातीज पर रानोली में खेतों में गूंजा हल–बैल और ट्रैक्टर का संगम…

किसानों ने हल की पूजा कर की खेती की शुरुआत, परंपरा संग आधुनिकता का मिला रूप

आखातीज के शुभ अवसर पर रानोली और आस-पास के गांवों में किसानों ने परंपरागत रीति से खेतों में खेती का आगाज़ किया। इस दिन को शुभ मानते हुए हल चलाकर और आधुनिक ट्रैक्टरों से खेतों की तैयारी शुरू की गई। यही वह दिन है जब खरीफ फसलों की बुवाई का पहला चरण शुरू होता है।

स्थानीय किसानों ने पहले हल की पूजा कर परंपरा निभाई, फिर आधुनिक उपकरणों की मदद से बुवाई का काम शुरू किया। खेतों में नई फसलों के लिए मिट्टी तैयार की गई और परिवारों में उत्सव जैसा माहौल देखा गया।

ग्रामीणों ने देसी व्यंजन जैसे खीर और गुड़ वाले चावल बनाकर देवी-देवताओं को भोग लगाया। यह परंपरा केवल खेती की शुरुआत नहीं, बल्कि गांव की संस्कृति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी है।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की इस बात को याद करते हुए—”भारत की असली ताकत गांवों और खेतों से निकलती है”—किसान हर साल इस दिन को नए संकल्प और उम्मीदों के साथ मनाते हैं।

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