आटा, दाल, चावल पर GST का विरोध:राजस्थान में 247 उपज मंडियां रही बंद, 2000 करोड़ का कारोबार प्रभावित
केंद्र सरकार द्वारा गेहूं, आटा और खाद्य पदार्थों पर लगाई गई 5% जीएसटी के खिलाफ देशभर में कृषि व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया है।
केंद्र सरकार द्वारा गेहूं, आटा और खाद्य पदार्थों पर लगाई गई 5% जीएसटी के खिलाफ देशभर में कृषि व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया है। इसके बाद शनिवार को देशभर के कृषि व्यापारियों ने सरकार के फैसले के खिलाफ मंडी बंद का ऐलान किया है। जिसका व्यापक असर राजस्थान में भी नजर आ रहा है। जीएसटी के खिलाफ प्रदेश में 247 कृषि उपज मंडीया, 140 चावल मील, 860 डाल मील 600 से ज्यादा आता मील और 30 हजार से ज्यादा छोटी चक्कियों को बंद रखा गया है। जिससे प्रदेश में दो हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हो रहा है।
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि अनब्रांडेड खाद्य उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने से महंगाई और बढ़ेगी। जिसका सीधा असर व्यापारियों के साथ आम आदमी की जेब पर भी पड़ेगा। ऐसे में सरकार जब तक खाद्य पदार्थों पर लागू जीएसटी वापस नहीं लेती है। हमारा विरोध जारी रहेगा। गुप्ता ने बताया की आज देशभर की 7300 कृषि उपज मंडियां, 13 हजार दाल मिलें, 9,600 चावल मिलें, 8 हजार आटा मिलें और 30 लाख से ज्यादा छोटी चक्कियां बंद राखी गई है। जिससे करोड़ो का कारोबार प्रभावित हो रहा है। कृषि ऊपर मंडी के व्यापारी रवि बागड़ा ने बताया की कोरोना के कारण पहले से ही ट्रेड और व्यापर माली हालत से गुजर रहे हैं। जिससे व्यापारियों द्वारा दी गयी उधारी वापस नहीं आ रही है। आम आदमी के पास फिलहाल रोजमर्रा के जरूरतों के सामन खरीदने के लिए पैसे नहीं है। वहीं अब GST बढ़ाकर सरकार ने सीधे तौर पर जनता की जेब काटने का काम किया है। जिसे व्यापारियों के साथ आम आदमी भी किसी सूरत में बर्दाश नहीं करेंगे। लेकिन अगर सरकार ने फिर भी यह फैसला वापस नहीं लिया। तो सरकार को आने वाले चुनाव में इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। दरअसल, पिछले दिनों हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं (सामान) पर जीएसटी लगाने का फैसला किया था। बैठक में आटा, चावल, दाल-दलहन, मैदा, सूजी, गुड़, मुरमुरे, मखाना समेत पैक्ड यानी डिब्बाबंद फूड तक पर 5% जीएसटी लागू कर दी गई थी। जिससे दाल, आटा, चावल जैसे रोजमर्रा के प्रोडेक्ट के साथ ही पैक्ड दही, बटर, लस्सी, छाछ, श्रीखंड और गुड़ जैसी चीजों के दाम 1 से 15 रुपए तक बढ़ जाएंगे। वहीं केंद्र सरकार 18 जुलाई से प्री. पैकेज्ड व प्री लेबल्ड फूड जैसे दाल, चावल, आटा, मैदा, सूजी, गुड, मुरमुरे, मखाना समेत खाद्य उत्पादों पर पांच फीसदी जीएसटी लागू कर देगी।
- टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क पर पहले जीएसटी नहीं लगता था। 18 जुलाई से इन पर 5% की दर से जीएसटी लगेगा।
- चेक बुक जारी किए जाने पर बैंकों की तरफ से लिए जाने वाले फीस पर 18% जीएसटी लगेगा।
- अस्पताल में 5,000 रुपये (गैर-आईसीयू) से अधिक किराए वाले कमरे पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा।
- एटलस सहित मैप और चार्ज पर भी 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा।
- होटलों के 1,000 रुपये प्रति दिन से कम किराए वाले रूम पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। पहले इन पर जीएसटी नहीं लगता था।
- एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप पर लगने वाला जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी हो जाएगा।
- ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक-सर्वर्स आदि पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। फिलहाल इन पर 12 फीसदी जीएसटी लग रहा है। खाद्य पदार्थों पर लगी जीएसटी का व्यापारियों के साथ कांग्रेस ने भी विरोध शुरू कर दिया है। शनिवार को जयपुर शहर कांग्रेस की ओर से आठों विधानसभा क्षेत्र में प्रदर्शन किया जाएगा। राजस्थान की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि केंद्र सरकार तानाशाही कर रही है। खाद्य पदार्थों पर बड़ी जीएसटी का सीधा असर मध्यमवर्गीय और गरीब तबके के लोगों पर पड़ेगा। जिसे कांग्रेस किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसे में जब तक बढ़ी हुई जीएसटी वापस नहीं ली जाएगी। हमारा विरोध जारी रहेगा।
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