आठ दिन से पानी को तरस रहें स्कूली बच्चे, नरेगा मजदूरों के मटकों से बुझा रहें प्यास
राजस्थान में कहीं बाढ है तो कहीं प्यास. क्योंकि झुंझुनूं के झांझा गांव के सरकारी स्कूल के बच्चे आठ दिनों से प्यासे हैं. पानी की टंकी में एक बूंद भी पानी नहीं है. अब नरेगा मजदूरों के मटके से मासूमों की प्यास बुझ रही है.
राजस्थान में झुंझुनूं जिले के झांझा गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पीने के लिए पानी के लिए तरसना पड़ रहा हैं. बच्चे नरेगा मजदूरों के पास जाकर उनके मटकों से प्यास बुझा रहे हैं.जिसकों लेकर बच्चों के अभिभावकों में गहरा रोष है.
अभिभावकों की शिकायत के बाद भी स्कूल स्टाफ सुध लेना मुनासिब नहीं समझ रहा है. गांव की ही एक महिला का कहना हैं कि स्कूल में बच्चे अपनी प्यास को बुझाने के लिए एक-एक बूंद को तरस रहे हैं, बच्चों को पानी की व्यवस्था देने की स्कूल की जिम्मेदारी होनी चाहिए. स्कूल स्टाफ से बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.
स्कूल के पास नरेगा का काम चल रहा है वहा काम कर रहें मजदूरों के पास बच्चे पास पानी पीने आते हैं. तब भी स्कूल स्टाफ बच्चों को धमका कर क्लास में भेज देते हैं. इधर स्कूल के अध्यापक रोहिताश का कहना हैं कि सच है कि स्कूल में फिलहाल पानी नहीं हैं. टैंकर द्वारा पानी टंकी में पानी डाला जाता था, लेकिन टंकी लीकेज है. परिणाम स्वरूप विद्यालय के बच्चे जलसंकट से जूझ रहे हैं, ग्रामीणों ने स्कूल में प्रशासन से पानी की व्यवस्था कराने की मांग की है.
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