ऐतिहासिक दरगाह आफ़ताबे शेखावाटी हज़रत ख़्वाजा हाजी मुहम्मद नजमुद्दीन साहिब सुलैमानी चिश्ती अल्फ़ारूक़ी रहमतुल्लाह अलयह का 159 वां सालाना उर्स मुबारक अपने चरम पर है। उर्स के 5 वें दिन देर रात दरगाह में नजमुल औलिया कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें नागपुर से आए देश के मशहूर मुस्लिम स्कॉलर सय्यद आलमगीर अशरफ़ ने सूफ़ी वाद और ख़ानक़ाही निज़ाम में सर्व धर्म संभाव पर चर्चा की। शहज़ादा ए हुज़ूर नसीरे मिल्लत पीर ग़ुलामे नजम ने अपने प्रवचन में क़ुरआन और हदीस के मुताबिक उर्स मनाने और आपसी भाई चारे को आम करने पर चर्चा की। जयपुर से आए इमरान बरकाती और उदयपुर के अशरफ़ रज़ा ने अपनी मधुर आवाज में नातें पढ़ी। कार्यक्रम का संचालन मौलाना फ़ैज़ान अहमद सिद्दीकी ने किया। आखिर में सज्जादा नशीन व मुतवल्ली हुज़ूर नसीरे मिल्लत ने देश मे अमन चैन व भाई चारे की दुआ माँगी।
कल 18 अप्रैल को क़दीमी शाही चादर का जुलूस शाही लवाजमे के साथ मुहल्ला चेजारान से रवाना हो कर मुख्य बाजार से गश्त करता हुआ शाम 7:30 बजे दरगाह शरीफ पहुंचेगा जहां सज्जादानशीन व मुतवल्ली पीर ग़ुलाम नसीर साहब उसे अपने सर पर ग्रहण कर मुख्य मज़ार पर पेश करेंगे। 19 अप्रैल को कुल की रस्म के साथ उर्स का विधिवत समापन होगा।
उर्स के दौरान देश के कोने कोने से हज़ारों ज़ायरीन दरगाह पहुंच रहे हैं। उर्स के दौरान रोज़ाना क़ुरान ख्वानी, सुबह शाम लंगर, दिन में वे रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक क़व्वाली की महफ़िल का आयोजन हो रहा है जिसमें मुल्क के नामवर क़व्वाल क़व्वालियाँ पेश कर रहे हैं । मेले में लगे झूले व दुकानों पर मेले में आए जायरीन की भीड़ देखते ही बनती है।
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