किसान जागृति दिवस के रूप में मनाई किसान मसीहा बाबा टिकैत की 89 वीं जयन्ती…..

बाबा टिकैत की 89 वीं जयन्ती पर की गई किसान यूनियन के वार्षिक सदस्यता अभियान और "एमएसपी है किसान का हक : अब किसान बेचारा नहीं रहेगा, एमएसपी गारन्टी लेकर रहेगा" अभियान की शुरूआत

भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष किसान मसीहा महात्मा महेन्द्र सिंह टिकैत (बाबा टिकैत) की 89 वीं जयन्ती धोद में किसान यूनियन (टिकैत) के तहसील कार्यालय पर अध्यक्ष गिरधारी लाल रणवा ‘नेताजी’ की अध्यक्षता में किसान जागृति दिवस के रूप में श्रद्धा एवं सादगी-पूर्वक मनाई गई | जयन्ती कार्यक्रम में चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत के चित्र पर माल्यार्पण कर, धूप-दीप जलाकर, किसान यूनियन का झंडा फहराकर, दरांती, खुरपी, कुदाली आदि कृषि औजार रखकर हवन किया गया तथा बाबा टिकैत अमर रहे का उदघोष करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की गई | साथ ही केन्द्र व राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए गौरीशंकर शर्मा बल्लूपुरा द्वारा हनुमान जी के चित्र के सामने सुन्दर कांड, हनुमान चालीस व दुर्गा सप्तशती का सस्वर पाठ भी किया गया | इस अवसर पर आयोजित किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए सीकर सांसद कॉ. अमराराम ने कहा कि चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत देश के किसानों के दिलों में आज भी जिन्दा हैं, आज भी बाबा टिकैत के लिए किसानों का दिल धड़कता है | वे देश के किसानों की बुलंद आवाज थे | वे किसानों व ग्रामीण भारत के सच्चे हितैषी थे | उन्होंने भारत के किसानों को संगठित किया और अधिकारों के लिए लड़ना और जीतना सिखाया | किसान उन्हें अपना सेनापति कहते थे |

सांसद अमराराम ने कहा कि गांवों की पगडंडियों से चलकर राजधानियों की सड़कों पर लड़े गए अनेकों किसान आंदोलन बाबा टिकैत के संघर्ष और सफलता के गवाह बने थे | उनका जीवन किसानों व ग्रामीणों को जागृत व इकट्ठा करने, अधिकार दिलाने और उनकी खुशहाली के लिए समर्पित रहा | उनकी याद आते ही किसानों का आत्मबल बढ़ जाता है और वे एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष और आंदोलन करने के लिए उठ खड़े होते हैं | किसानों में यह हिम्मत और हौसला बाबा टिकैत द्वारा चलाए गए आंदोलनों से ही संभव हो पाया है | किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश उपाध्यक्ष सदर मोहम्मद कासिम खिलजी, सीकर जिला अध्यक्ष दिनेश सिंह जाखड़, युवा इकाई जिलाध्यक्ष नरेन्द्र धायल, धोद तहसील अध्यक्ष गिरधारी लाल रणवा ‘नेताजी’, अ. भा. किसान सभा के धोद तहसील सचिव रूड़सिंह महला आदि ने किसानों की एकता व उनके हितों के लिए बाबा टिकैत द्वारा किए गए महान कार्यों व संघर्षों को याद करते हुए कहा कि किसान आंदोलनों के दौरान बाबा टिकैत मंच पर नहीं बैठते थे बल्कि हुक्का गुड़गुड़ाते किसानों के बीच बैठा करते थे | बाबा टिकैत अपने हुक्के की गुड़ गुड़ाहट से ही हुकूमतों को झुका दिया करते थे | किसानों के अधिकारों के सवालों पर बाबा टिकैत की केंद्र व राज्य सरकारों से बार-बार लड़ाई व संघर्ष हुए लेकिन उन्होंने आंदोलनों को अहिंसक बनाए रखा | उन्होंने किसानों को जाति, धर्म और क्षेत्रीयता के खांचे में बंटने नहीं दिया और एकजुट रखा |

बाबा टिकैत की 89 वीं जयन्ती पर किसान यूनियन (टिकैत) के वार्षिक सदस्यता अभियान तथा “एमएसपी है किसान का हक : अब किसान बेचारा नहीं रहेगा, एमएसपी गारन्टी लेकर रहेगा” अभियान की शुरूआत भी की गई | इसके तहत मूंग, बाजरा व मूंगफली की एमएसपी पर सरकारी खरीद अक्टूबर माह में ही शुरू करवाने, किसानों को खरीफ व रबी में हुए फसल खराबे का मुआवजा दिलवाने व रबी फसलों की बुवाई के लिए जरूरी डीएपी, यूरिया व बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने आदि मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के स्थापना दिवस 17 अक्टूबर तक जिला, तहसील व ग्राम स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे | इस अवसर पर जिला महासचिव जसबीर सिंह चौधरी, जिला उपाध्यक्ष हरिराम मील, संजय खीचड़ गोकुलपुरा, रामदेवाराम ढाका नेतड़वास, नाथूराम भाखर शाहपुरा, इकबाल सुलेमान सैय्यद धोद, हरलाल बड़केसिया सेशम, बबलू खत्री, चिरंजीलाल शर्मा, महावीर प्रसाद पुजारी, बैरीसाल कविया, नरपत सिंह कविया दीपपुरा, जैसाराम बाजिया, भगवानाराम मेघवाल दीपपुरा, लालचन्द कुमावत, श्यामलाल, गोविंदराम, ईश्वरराम, गफूर, महेश कुमार, बाबूलाल कुमावत, सीताराम, लालचंद, भागू नेहरा, मुकेश कुमार, मदन, हरलाल कुमावत आदि सहित अनेक किसान मौजूद रहे |

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