चिड़ावा में शीतलहर का असर बढ़ा, किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा मौसम…

फसलों को मिल रही ओस से जीवनदान, पर पाले का खतरा बरकरार

चिड़ावा और आसपास के क्षेत्रों में सर्दी का प्रकोप आज सुबह से अधिक महसूस किया गया। हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद शीतलहर के चलते इलाके में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। लोग गर्म कपड़ों और अलाव का सहारा लेकर सर्दी से बचने का प्रयास कर रहे हैं।

कृषि विशेषज्ञ कृष्ण कुमार रतेरवाल के अनुसार, इस समय ओस की बूंदें फसलों के लिए फायदेमंद हैं, जो उनकी ग्रोथ में मदद करती हैं। हालांकि, देर से आई सर्दी ने किसानों को चिंतित किया था, लेकिन अब ठंड के इस प्रभाव से फसलों को जीवनदान मिल सकता है। दूसरी ओर, पाले की संभावना से किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में कोहरे और तापमान में गिरावट की संभावना जताई है। आज न्यूनतम तापमान 7.3 डिग्री और अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो कल की तुलना में थोड़ा अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में और बदलाव होने से ठंड का असर और बढ़ सकता है।

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