तिरुपति मंदिर में महाशांति यज्ञ: लड्डू प्रसादम पर लगे आरोपों के बाद शुद्धिकरण अनुष्ठान संपन्न….

TDP के आरोपों के बाद SIT गठित, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने उपवास के साथ प्रायश्चित की घोषणा

आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की पवित्रता बहाल करने के लिए सोमवार को महाशांति यज्ञ का आयोजन किया गया। सुबह 6 बजे से 10 बजे तक चलने वाले पंचगव्य शुद्धिकरण अनुष्ठान में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारी और 20 पुजारियों ने भाग लिया। इस प्रक्रिया के दौरान मंदिर में लड्डू और अन्नप्रसादम रसोई की भी शुद्धि की गई। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि वाईएसआर कांग्रेस सरकार के शासन में तिरुपति मंदिर के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया। इसके समर्थन में टीडीपी ने एक लैब रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें आरोपों की पुष्टि का दावा किया गया।

इस बीच, श्री ललिता पीठम, वशिष्ठाश्रम, श्रीनिवास मंगापुरम में विश्व हिंदू परिषद की एक बैठक जारी है। इसमें मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने और धर्मांतरण से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जा रही है। राज्य सरकार ने मंदिर के लड्डुओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि SIT की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मंदिर के एक प्रमुख पुजारी, कृष्ण शेषाचल दीक्षितुलु, ने कहा कि अब मंदिर पूरी तरह से शुद्ध हो चुका है और भक्त बिना किसी चिंता के प्रसाद ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया, “प्रशासन से चर्चा के बाद हमने शुद्धिकरण के लिए शांति होम करने का निर्णय लिया। सुबह हम भगवान वेंकटेश्वर के गर्भगृह में गए और अब मंदिर पूरी तरह से पवित्र है।”

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी कहा कि हिंदू मंदिरों के अपवित्र होने पर हमें चुप नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा किसी मस्जिद या चर्च में होता, तो प्रतिक्रिया और अधिक तीव्र होती। पवन कल्याण ने 22 सितंबर से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की है और इस दौरान उपवास रख रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे खेद है कि मैंने पहले इस मिलावट के बारे में नहीं जाना। मैं इसका प्रायश्चित कर रहा हूं।”

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