नीले घोड़े पर होकर सवार नगर भ्रमण को निकले बाबा श्याम: रथ यात्रा में उमड़ा भक्तों का सेलाब, दर्शन के लिए 14 लाइन खोली

खाटूश्यामजी लक्खी मेलाः एकादशी पर आज खाटूधाम में भक्तों का तांता लगा हुआ है. एकादशी पर बाबा श्याम को नीले घोड़े पर बैठाकर नगर भ्रमण करवाया जा रहा है. खाटू नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है.

खाटूश्याम के लक्खी मेले में आज लाखों भक्त दर्शन करने पहुंचे हैं. एकादशी पर आज बाबा खुद अपने भक्तों से मिलने दरबार से बाहर आए हैं. दोपहर 12 बजे सजे-धजे रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले हैं. वे करीब 2 घंटे तक पूरे नगर में घूमेंगे. नगर भ्रमण के लिए श्याम बाबा का शृंगार भी खास किया गया है. उन्हें सूखा मेवा, ऑरेंज कार्नेंशन फ्लावर, लेमन ग्रास व लाल गुलाब व विशेष इत्र से सजाया गया है. 

महंत मोहनदास महाराज ने बताया कि बाबा मंदिर चौक से रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले हैं. महंत ने बताया कि जो लोग मंदिर में बाबा का दर्शन नहीं कर पाते हैं. उन्हें दर्शन देने बाबा श्याम एकादशी पर नगर भ्रमण पर निकलते हैं. खाटूश्यामजी के दर्शन कर श्रद्धालु उपवास खोलते हैं. रथ यात्रा श्याम कुंड, रेवाड़ी वालों की धर्मशाला, बस स्टैंड होते हुए कबूतर चौक पहुंचेगी. द्वादशी को बाबा को खीर-चूरमे का भोग लगेगा. रात 12 बजे से अब तक 4 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे हैं.बाबा खाटू श्याम की रथ यात्रा मंदिर के पुराने मुख्य द्वार से शुरू हुई. नीले घोड़े पर सवार बाबा श्याम की आरती की गई. इसके बाद यात्रा नगर में भ्रमण पर निकली. करीब 2 घंटे नगर भ्रमण कर वापस मंदिर पहुंचेगी. यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को रथ से टॉफियां दी जा रही हैं. एकादशी के मौके पर बाबा खाटू श्याम में लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं.मंदिर कमेटी अध्यक्ष प्रताप सिंह ने बताया कि मेले में 24 घंटे बाबा श्याम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं. रात 12 बजे से 12.10 बजे तक बाबा को शयन करवाया जाता है. 50 मिनट तक बाबा का शृंगार किया जाता है. इस दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं होते हैं. भीड़ ज्यादा होने पर इस समय में बदलाव किया जा सकता है. 

भीड़ को देखते हुए मेले में पहली बार 14 की 14 लाइनों को खोल दिया गया हैं. सभी लाइन श्रद्धालुओं से अटी हुई हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं के दर्शन करने का समय भी बढ़ गया है. एकादशी में रात 12:00 बजे से अब तक करीब चार लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. 

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