महिला शिक्षा के लिए ‘फहमीदा’ का बड़ा योगदान: कन्या महाविद्यालय के लिए 16 बीघा जमीन दान, कीमत 1.60 करोड़ रुपए, उच्च शिक्षा की राह हुई आसान

सावित्रीबाई फुले और दूसरा फातिमा शेख. दोनों ने ही उस समय महिला शिक्षा के लिए संघर्ष कर आगे आकर एक महिला शिक्षा के लिए अलख जगाई. उसी तरह फतेहपुर की रहने वाली एक मुस्लिम महिला फहमीदा ने जगाई है. 

महिला शिक्षा की बात आती है तो हमारे जेहन में सबसे पहले जो नाम आता है, सावित्रीबाई फुले और दूसरा फातिमा शेख. दोनों ने ही उस समय महिला शिक्षा के लिए संघर्ष कर आगे आकर एक महिला शिक्षा के लिए अलख जगाई. ऐसी ही अलख फतेहपुर में महिला शिक्षा के लिए सरकारी कॉलेज के भवन की राह देख रहे क्षेत्र की छात्राओं का जल्द सपना पूरा होगा. इसके लिए इस बार यह अलख फतेहपुर की रहने वाली एक मुस्लिम महिला फहमीदा ने जगाई है. 

फहमीदा ने फतेहपुर की बेटियों की उच्च शिक्षा की राह को और आसान कर दिया है. फहमीदा ने राजकीय कन्या कॉलेज के लिए अपनी बेशकीमती करोड़ों रुपए की 16 बीघा जमीन दान की है. जमीन की कीमत 1.60 करोड़ रुपए है. फहमीदा ने यह जमीन महाविद्यालय के प्राचार्य के नाम उप पंजीयक कार्यालय में गिफ्ट डीड रजिस्टर्ड करवा कर महिला शिक्षा के लिए कॉलेज प्रबंधक के हवाले कर दी है. जिसकी चर्चा और तारीफ पूरे क्षेत्र में लोग कर रहे हैं.फहमीदा ने बताया कि मेरे ससुराल के परिवार के लोग महिला शिक्षा के मेरे भूदान के इस फैसले में प्रेरणा बने हैं. उनकी प्रेरणा ही है कि मैंने परिवार से प्रेरित होकर बालिका उच्च शिक्षा के लिए करोड़ों रुपए की भूमि का दान किया है. विधायक हाकम अली खान ने फहमीदा ​​​​​​द्वारा जमीन दान पर सराहना की है. उन्होंने कहा कि कन्या कॉलेज में जो बेटी पढ़ने आएगी वह आपको युगों-युगों तक दुआएं देगी. फहमीदा के परिवार द्वारा इससे पहले भी फतेहपुर में शिक्षा के लिए भूमि का दान किया था. फहमीदा के परिवार द्वारा संचालित डीएसपी फाउंडेशन ने शहर की फातिमा सीनियर सेकेंडरी स्कूल की कायाकल्प में भूमिका निभाई है. वहीं, कन्या कॉलेज के लिए दी गई जगह के पास ही 12 बीघा जमीन का दान भी किया है. जिस पर अल्पसंख्यक बालक आवासीय छात्रावास विद्यालय का निर्माण होगा. जिसमें रहकर छात्र शिक्षा ग्रहण करेंगे. फतेहपुर के रघुनाथपुरा बस स्टैंड के आसपास के लोगों के स्वास्थ्य की बात आई तो डीएचपी फाउंडेशन ही आगे आया और सरकार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए लाखों रुपए की जगह दान की जिस पर आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है तथा क्षेत्र के लोगों को इसका फायदा मिल रहा है. डीएसपी फाउंडेशन संस्थापक दाऊद हनी पिनारा ने कहा कि कीमत जगह की नहीं होती, कीमत शिक्षा की होती है. जगह से कई गुना ज्यादा अनमोल शिक्षा है. हमारे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए हर समय हम तत्पर रहते हैं. अन्य देशों के मुकाबले हमारी शिक्षा प्रणाली कमजोर है. हमारी चाहत है कि हमारे बच्चे इंजीनियर बने आरएएस बने, आईएएस बने, ताकि शेखावाटी के बच्चे पूरे भारत नहीं पूरी दुनिया में शेखावाटी का नाम रोशन कर सकें. 

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