रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघ टी-86 की हत्या में विस्फोटक और धारदार हथियार का प्रयोग: नई जांच रिपोर्ट…

बाघ टी-86 की हत्या का रहस्य: गन पाउडर और धारदार हथियार से हमला

रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघ टी-86 की हत्या से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है। पोस्टमॉर्टम में यह खुलासा हुआ कि बाघ की मौत में सिर्फ धारदार हथियार का ही इस्तेमाल नहीं किया गया, बल्कि विस्फोटक भी प्रयोग में लाए गए थे। बाघ के मुंह पर गन पाउडर के निशान पाए गए, जो माइंस में ब्लास्ट करने में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ है। यह संकेत देता है कि पहले बाघ को गन पाउडर से घायल किया गया और फिर उसे धारदार हथियारों से हमला कर मार डाला गया।

टी-86 का शव अत्यधिक घायल था, जिसमें दोनों पिछले पैर टूटे हुए थे, रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर था और शरीर पर 25 से ज्यादा घाव थे। बाघ को 8-10 दिन से कोई शिकार नहीं मिला था और उसका पेट खाली था। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि बाघ की हत्या इंसानों द्वारा की गई है, क्योंकि इस प्रकार के हमले सिर्फ इंसान ही कर सकते हैं।

इस मामले में अब तक की जांच में यह दावा किया जा रहा है कि यह राजस्थान में इंसानों द्वारा बाघ की हत्या का पहला मामला है। बाघ टी-86, जिसे चिरीको के नाम से भी जाना जाता था, का शव करीब 423 किलोमीटर दूर रणथंभौर से बाहर पाया गया। वह लगभग 6 महीनों से एक नई टेरिटरी की तलाश में भटक रहा था।

Comments are closed.