लोकसभा गठबंधन के बाद उपचुनाव में पार्टियों की प्रतिद्वंद्विता: खींवसर और देवली-उनियारा में सियासी समीकरण उलट…
कांग्रेस और आरएलपी के नए समीकरणों से लोकसभा जीत की राह पर असर
लोकसभा चुनाव में जिन पार्टियों ने एक-दूसरे के साथ गठबंधन किया था, वे अब उपचुनावों में एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हो गई हैं, जिससे कई सीटों के समीकरण प्रभावित हो रहे हैं। खींवसर, सलूंबर और चौरासी सीटों पर पार्टी सहयोग की कमी से स्थिति उलट गई है।
खींवसर सीट पर कांग्रेस ने बेनीवाल को घेरा: हनुमान बेनीवाल, जो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से खींवसर सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रहे थे, अब उसी कांग्रेस से मुसीबत का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस ने विधानसभा उपचुनाव में बेनीवाल की सीट पर अपना उम्मीदवार उतार दिया है। इसके अलावा, बीजेपी पहले से ही बेनीवाल के लिए चुनौती पेश कर रही थी। अब कांग्रेस का यह कदम बेनीवाल के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
देवली-उनियारा में आरएलपी और बीएपी का उलटफेर: वहीं, देवली-उनियारा में भी सियासी समीकरण बदलते दिख रहे हैं। जहां एक तरफ बीजेपी और कांग्रेस के गठबंधन की कमी ने चुनावी माहौल को प्रभावित किया है, वहीं बीएपी और आरएलपी ने कांग्रेस के बागी नरेश मीणा का समर्थन कर देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस के खिलाफ सियासी जंग छेड़ दी है।
इन उपचुनावों में बिना गठबंधन के प्रतिद्वंद्विता का खेल राजनीति के समीकरणों को और जटिल बना रहा है।
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