शेखावाटी ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशन्स: स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन, रक्तदान समाज एवं मानवता के प्रति सबसे बडी सेवा -प्रो. सिंह
मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. भागीरथ सिंह माननीय कुलपति पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्ववि़द्यालय, सीकर ने उदघाटन किया. प्रो. सिंह ने अपने उदबोधन मं बोलते हुए कहा कि ‘‘रक्तदान से न केवल राष्ट्रीय आवश्यकता पूरी होती है बल्कि यह समाज एवं मानवता के प्रति एक बड़ी सेवा भी है.’’
जयपुर रोड़ स्थित शेखावाटी ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशन्स द्वारा स्वैच्छिक महारक्त दान का आयोजन किया गया बतौर मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. भागीरथ सिंह माननीय कुलपति पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्ववि़द्यालय, सीकर ने उदघाटन किया. प्रो. सिंह ने अपने उदबोधन मं बोलते हुए कहा कि रक्तदान एक महान काम है और हमारी समृद्ध संस्कृति तथा सेवा और सहयोग की परंपरा को देखते हुए मैं, सभी नागरिकों से आगे आने तथा देशभर में विशाल स्वैच्छिक रक्तदान अभियान – रक्तदान अमृत महोत्सव के तौर पर रक्त दान करने की अपील करता हूं. रक्तदान से न केवल राष्ट्रीय आवश्यकता पूरी होती है बल्कि यह समाज एवं मानवता के प्रति एक बड़ी सेवा भी है.’’ उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘‘रक्तदान अमृत महोसत्व, आजादी का अमृत महोत्सव के जश्न समारोह का हिस्सा है.’’ भारत में 2021 के आंकड़ों के मुताबिक सालाना करीब 1.5 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है.संस्थान के चेयरमेन रणजीत सिंह ने अपने स्वागत उदबोधन में बोलते हुए कहा कि हर दो सेकंड में भारत म एक मरीज को रक्त की आवश्यकता होती है और प्रत्येक तीन मंे से एक व्यक्ति को अपने जीवन में कभी न कभी रक्त की आवश्यकता पड़ती है. प्रौद्योगिकी तरक्की के बावजूद रक्त का कोई विकल्प नहीं है और एक यूिनट रक्त तीन जिंदगियां बचा सकता है.’’ उन्होंने शिविर में दानदाताओं से मुलाकात की और उनके प्रयासों की सराहना की. रक्तदान को लेकर भ्रांति दूर करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एक व्यक्ति के शरीर में पांच से छह लीटर खून होता है और वह हर 90 दिन में रक्तदान कर सकता है.’’ इसके अलावा लोगों को नियमित रक्तदान करने के प्रति जागरूक किया जाएगा. रक्त की एक यूनिट का मतलब 350 मिलीलीटर रक्त होता है.उन्होंने बोलते हुए कहा कि शेखावाटी ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशन्स केवल कॉलेज ही नहीं संचालित करता है अपितु मानवता के कार्या में बड़ चढ़कर हिस्सा लेता है आज उसी कड़ी में एक विशाल स्वैच्कि रक्तदान षिविर का आयोजन प्रत्येक वर्ष की भांति आयोजित किया गया है, जिसमें 175 यूनिट रक्त संरक्षित किया गया. संस्थान कॉविड महामारी के समय भी काढ़ा जीवन रक्षक दवाईयां सैनेटाइजर एवं मास्क वितरण किया.संस्थान की सचिव स्नेहलता चौधरी ने अपने उदबोधन में बोलते हुए कहा कि इस प्रकार का रक्त शिविर का आयोजन एक सकारात्मक रूप लेगा क्योंकि रक्त का निर्माण किसी फैक्टीं में नहीं होता है अपितु मनुष्य के रक्त शिराओं मे ही रक्त निर्माण होता है. एक व्यक्ति के रक्त दान देनेे से तीन जिन्दगी बचाई जा सकती है. प्रो. डॉ. के.के. व्यास ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस प्रकार का आयोजन में मुख्य अतिथि एवं अतिथ की संवैदनशीलता अपने आप मंे काबिले तारीफ है. इस कार्यक्रम में आये हुए सभी अतिथियो का धन्यवाद ज्ञापन किया. इस कार्यक्रम के साथ ही दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं सामाजिक उत्थान के के क्षेत्र में उत्कृट योगदान के लिए प्रो. भागीरथ सिंह, माननीय कुलपति पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्ववि़द्यालय, सीकर, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, सीकर ओमप्रकाश राहड, प्रो. संघ्या व्यास, डॉ. रमेश कुमार पांडेय, निदेशक, सी.आर.सी. लखनउ, संदीप कुमार, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जयपुर, सुदीप गोयल, अध्यक्ष आशा का झरना, सीकर, विनोद कुमार शर्मा, निदेशक शिक्षा संचालन एवं चिकित्सा प्रसार समिति, दौसा, डॉ निर्मल सिंह सीएमएचओ, सीकर, ओमप्रकाश गुर्जर, अध्यक्ष प्रयास सेवा संस्थान, नागौर, नागरमल, अध्यक्ष न्यू इण्डियन पब्लिक स्कूल समिति, नवलगढ़, विरेन्द्र शर्मा को संस्थान के चेयरमेन इंजि. रणजीत सिंह ने सम्मानित किया.मंच का संचालन डॉ. देवानंद पांण्डे ने किया. इस अवसर पर ब्लड बैंक प्रभारी डॉ कैलाश चन्द जाट प्राचार्य डॉ सुरजीत कुमार, डॉ आलोक कुमार, डॉ टोडू सिंह राजपूत, अमित शर्मा रजिस्टंार दिनेश चौधरी, प्रशासनिक अधिकारी प्रमोद जागीड एवं ओम पाल जागीड संस्थान से भीम सिंह चौधरी, सजय शर्मा सहित समस्त विभागाध्यक्ष एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे. रक्त संग्रहण टीम का डॉ. इन्दु, डॉ सुनिल ज्याणी, फिरोज, सरफराज, सुश्री अंकिता, प्रहलाद राय एवं मुकेश कुमार ने सहयोग किया.
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