शेखावाटी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल मिश्र, 70 स्टूडेंट्स को दिए गोल्ड मेडल

Shekhawati University: शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर के तृतीय दीक्षांत समारोह में कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि, खेल स्नातक, स्नात्तकोत्तर, शिक्षा स्नातक, स्नात्तकोत्तर सहित अन्य संकायों के कुल एक लाख 77 हजार 146 विद्यार्थियों को वर्ष 2018-19, 2019-20 दो वर्ष की उपाधि वितरित की गई. राज्यपाल राजस्थान कलराज मिश्र द्वारा छात्र-छात्राओं को उपाधि के साथ ही दीक्षा मंत्र (उपनिषद मंत्र ) भी दिया गया.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर के तृतीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल राजस्थान कलराज मिश्र ने विद्यार्थियों को उपाधियां और गोल्ड मेडल प्रदान किए. इससे पूर्व विश्वविद्यालय परिसर में शोभायात्रा निकाली गई तथा समारोह में राज्यपाल मिश्र द्वारा 70 गोल्ड मेडल टॉपर विद्यार्थियों को प्रदान किए गए. समारोह में कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि, खेल स्नातक, स्नात्तकोत्तर, शिक्षा स्नातक, स्नात्तकोत्तर सहित अन्य संकायों के कुल एक लाख 77 हजार 146 विद्यार्थियों को वर्ष 2018-19, 2019-20 दो वर्ष की उपाधि वितरित की गई. राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा छात्र-छात्राओं को उपाधि के साथ ही दीक्षा मंत्र (उपनिषद मंत्र ) भी दिया गया. इस दौरान सीकर के स्वर्गीय इंजीनियर सांवरमल आर्य की स्मृति में सांवरमल मेमोरियल ट्रस्ट की और से उनकी पत्नी कस्तूरी देवी ने छात्रा मुक्ता मील को गोल्ड मेडल दिया.अभिभाषण में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा की दीक्षांत शिक्षा पूर्ण होने का पावन पर्व है पर यह शिक्षा की समाप्ति नहीं है, यह विद्यार्थियों के नव जीवन की शुरूआत है। उन्होंने कहा की मै दीक्षांत समारोहों में सदा ही यह बात कहता हूं कि दीक्षांत वह उत्सव है जिसमें विद्यार्थी सीखे हुए ज्ञान को जीवन व्यवहार में परिणत करने के लिए भविष्य के लिए तैयार होता है. इसलिए यह विद्यार्थी के लिए नये जीवन में प्रवेश का एक तरह से द्वार है. मैं चाहता हूं, जो शिक्षा आपने अपने विश्वविद्यालय में प्राप्त की है, उसका समुचित उपयोग समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए करें.उन्होंने कहा कि शेखावाटी की यह धरती वीर प्रसूता भूमि है. देश को सर्वाधिक शहीद सैनिक देने का गौरव इसी धरा को हासिल है. यहां के बच्चों को लोरी में कविता की जगह युद्ध की गाथाएं सुनायी जाती है. इसलिए भारतीय सेना में सर्वाधिक सैनिक यहीं से भर्ती होते हैं.संतो की भी यह पावन धरा है तो देश को सर्वाधिक व्यवसायी,उद्यमी प्रदान करने का गौरव भी इसी भूमि को प्राप्त है. यहां की कला-संस्कृति, वीरता – बलिदान, भक्ति, शिक्षा-दीक्षा सभी अनुकरणीय है. दीक्षान्त समारोह के इस पावन अवसर पर मैं इस धरती को नमन करता हूं.राज्यपाल मिश्र ने कहा कि मैंने नई शिक्षा नीति का गहराई से अध्ययन किया है और यह पाया है कि बहुत सोच-विचारकर इसे विद्यार्थी हित में इस तरह से तैयार किया गया है कि विद्यार्थियों का इस से चहुंमुखी विकास हो. इसमें इस बात का ध्यान रखा गया है कि विद्यार्थी किसी एक विषय विशेष में नहीं बल्कि थोड़ा-थोड़ा सभी विषयों में निष्णात हो. यह सुखद है कि मैं उस विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में आप सभी से रू- ब-रू हो रहा हूं, जो महान चिंतक, विचारक दीनदयाल उपाध्याय जी के नाम पर स्थापित है.राज्यपाल ने राजस्थान की लोक संस्कृति से जुड़ी खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किए जाने पर बल दिया. साथ ही परिसर में तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र को देश के अग्रणी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किए जाने का सुझाव दिया. राज्यपाल मिश्र ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति पूरी तरह से विद्यार्थी केंद्रित है. इसमें शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के चारित्रिक निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है. उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ऐसे पाठ्यक्रम तैयार किए जाने का आह्वान किया, जिससे विद्यार्थी विषय के साथ आसपास के परिवेश के प्रति भी जागरूक बने. राज्यपाल ने विद्यार्थियों से सदैव नया सीखने के लिए प्रयासरत रहने का आह्वान किया.राज्यपाल मिश्र ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने, स्थानीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण, युवा विकास, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण आदि की बेहतरी में 20 किलोमीटर की आकाशीय परिधि में बसे लोगों को लाभ दिलाने की दिशा में सामुदायिक रेडियो स्टेशन रेडियो शेखावाटी स्थापित करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है. विश्वविद्यालय को इसके लिए मैं बधाई देता हूं.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. भगीरथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र के प्रयासों से राज्य के विश्वविद्यालयों में निरंतर दीक्षांत समारोह आयोजित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि शेखावटी धार्मिक महत्व का तीर्थ स्थल है तथा गोरखनाथ परंपरा के सर्वाधिक संत शेखावाटी से हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में 17 ऐसे पाठ्यक्रम शुरू किए हैं जो रोजगारोउन्मुख हैं जिसमें साइबर लॉ, जीनोलॉजी, सोशल वर्क, सोशल ऑडिट प्रमुख है. विश्वविद्यालय में लोक शिक्षण की पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए हिस्ट्री म्यूजियम की स्थापना की गई है.

उन्होंने कहा कि शेखावाटी विश्वविद्यालय का पूर्ण प्रयास है कि विद्यार्थियों को मूल्यों और नैतिक आचरण की शिक्षा दी जाए. पेपर लीक जैसी समस्या को सिर्फ कठोर कानून बनाकर दूर नहीं किया जा सकता लेकिन नैतिक आचरण और मूल्यों की शिक्षा से इसका समाधान हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय अभी यौवन काल में है लेकिन हमारा पूरा प्रयास है कि इस विश्वविद्यालय को मॉडल विश्वविद्यालय के रूप में आगे बढ़ाए.

समारोह में जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव, पुलिस अधीक्षक करण शर्मा, विश्वविद्यालय के कुलसचिव राजवीर सिंह चौधरी, प्राचार्य एवं संकाय अध्यक्ष कला महाविद्यालय डॉ. पुष्पा चौधरी, प्राचार्य एवं विज्ञान संकाय अध्यक्ष डॉ. रणवीर सिंह, प्रोफेसर डॉ. रविंद्र काटेवा, उपखंड अधिकारी सीकर जय कौशिक, एसडीओ धोद मिथलेश कुमार, मधु आर्य अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति सहित विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य, बोम सदस्य उपस्थित रहे. 

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