सीकर की सड़कों पर गंदे नाले का कब्जा: वार्ड नंबर 1 के हालात बदतर, प्रशासन से समाधान की मांग
सीकर की सड़कों पर गंदे नाले का कब्जा: वार्ड नंबर 1 के हालात बदतर, प्रशासन से समाधान की मांग
सीकर शहर के वार्ड नंबर 1 में स्वच्छता और बुनियादी ढांचे की भारी अनदेखी के चलते हालात बद से बदतर हो गए हैं। सुलेमानिया मदरसे के पास की गलियों में पिछले कई महीनों से नालियों का गंदा पानी लगातार सड़कों पर बह रहा है। गर्मी के मौसम में यह स्थिति और भी भयावह हो गई है, जहां बदबूदार पानी से पूरा इलाका प्रभावित हो चुका है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि करीब 300 से 400 मीटर का इलाका नाले के गंदे पानी की चपेट में आ गया है, जिससे राहगीरों का निकलना मुश्किल हो गया है। इलाके के लोगों, खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह हालात गंभीर परेशानी का कारण बन चुके हैं। कई लोग फिसलकर गिर चुके हैं और अब तो लोग अपने ही घरों से निकलने में भी हिचक रहे हैं। यदि किसी को ज़रूरी काम से बाहर जाना होता है, तो उन्हें वैकल्पिक और लंबा रास्ता अपनाना पड़ता है।
स्थानीय निवासी इमरान मुगल और तौफीक बताते हैं कि उन्होंने कई बार नगर परिषद और संबंधित अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। इस समस्या की जड़ इलाके की संकरी और अपर्याप्त गंदे पानी की नालियां हैं, जिनकी क्षमता पूरी तरह से जवाब दे चुकी है। वर्तमान में यह नालियां ओवरफ्लो होकर सीधे सड़कों पर गंदा पानी फैला रही हैं। लोगों ने मांग की है कि या तो इन नालियों को चौड़ा किया जाए या फिर पानी की निकासी के लिए कोई वैकल्पिक समाधान किया जाए। स्थिति को और गंभीर बनाता है आने वाला बरसात का मौसम, जिसमें जलभराव और मच्छरों के पनपने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
यह सीधे तौर पर डेंगू, मलेरिया और अन्य जलजनित बीमारियों के फैलाव का खतरा पैदा करता है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि वह जल्द से जल्द क्षेत्र की इस गंभीर समस्या का स्थायी हल निकाले और जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करे। यदि समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया, तो यह संकट शहर के अन्य हिस्सों तक भी फैल सकता है।
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