स्यालोदड़ा में क्रेशरों से धूल प्रदूषण पर ग्रामीणों का विरोध, सिलिकोसिस से कई मौतें…
प्रदूषण से बीमारियों का खतरा, ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की
पाटन क्षेत्र की ग्राम पंचायत स्यालोदड़ा में क्रेशरों से होने वाले धूल प्रदूषण से परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार को ज्योतिबा फूले भवन में बैठक की। इस बैठक में धूल प्रदूषण फैलाने वाले क्रेशर प्लांटों के खिलाफ एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि स्यालोदड़ा के आस-पास दर्जनों क्रेशर प्लांट लगे हुए हैं, जो लगातार धूल और मिट्टी फैला रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है।
स्यालोदड़ा सरपंच अनिल शर्मा ने बताया कि इस प्रदूषण के कारण कई लोग सिलिकोसिस, टीबी, अस्थमा और एलर्जी जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। अकेले स्यालोदड़ा गांव में ही अब तक दो दर्जन से अधिक लोग सिलिकोसिस के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं, और कई लोग अभी भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
बैठक में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सहित अन्य संबंधित विभागों को इसकी शिकायत दी जाएगी और प्रशासन से अवैध रास्तों को बंद करने की मांग की जाएगी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही धूल प्रदूषण पर रोक नहीं लगाई गई, तो वे सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण और युवा उपस्थित रहे।
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