विद्याश्रम परिवार सीकर के द्वारा विद्याश्रम पब्लिक स्कूल पोलो ग्राउण्ड में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में सोमवार को सर्वप्रथम यजमान परिवार राधा महावीर प्रसाद लाटा, सावित्री ताराचंद जालान, विमला महावीर प्रसाद पाण्डे, मंजू राकेश लाटा द्वारा भागवत की पूजा एवं व्यासपीठ का पूजन किया गया.
भागवत कथा यज्ञ में द्वितीय दिवस व्यासपीठ से राष्ट्रीय कथाकार मनुश्री महाराज रतनगढ वाले ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्पवृक्ष है, जो जीवात्मा श्रीमद्भागवत की शरण में आता है, उसको परमानन्द की प्राप्ति होती है. यह कथा कल्पवृृक्ष के समान है जो जीवन मरण के चक्र से मुक्त कर मोक्ष की प्राप्ति कराती है, इसलिए कलियुग में हर प्राणी को श्रीमद्भागवत कथा श्रवण अवश्य करनी चाहिए.
इस कथा को सुनने से धुंधकारी जैसे पापी प्रेतात्मा की भी मुक्ति हो गई. श्रीमद्भागवत कथा जीवन मरण के चक्र से मुक्त करती है, राजा परिक्षित को महर्षि शुकदेव ने 7 दिन में श्रीमद् भागवत कथा सुनाकर भवसागर से पार किया. जब राजा परिक्षित को श्राप लगा, तब राजा परिक्षित ने गंगा के तट पर आसन लगा लिया और कहा कि जिनकी मृत्यु सन्निकट आ जाए उसको क्या करना चाहिए, तब शुकदेव जी महाराज के द्वारा श्रीमद्भागवत कथा को सुनाने से मोक्ष की प्राप्ति हुई.
श्रीमद्भागवत कथा समय प्रतिदिन दोपहर 3 से 6 बजे तक है. कथा में बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे जोकथा सुनकर भावमग्न होते रहे.
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