भक्तिभाव से मनाया भगवान महावीर का निर्वाणोत्सव , दीपावली व नूतन वर्ष आगमन की दी शुभकामनाएं…
* शहर के समस्त जैन मंदिरों में हुए विशेष धार्मिक आयोजन
दिगंबर जैन समाज ने 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2551 वां निर्वाणोत्सव भक्तिभाव से मनाया ।समाज के विवेक पाटोदी ने बताया कि इस अवसर पर शहर के श्री महावीर स्वामी जैन मंदिर, बड़ा मंदिर, दंग की नसियां मंदिर, दीवान जी की नसियां मंदिर, नया मंदिर , श्री चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर सहित समस्त 11 मंदिरों में भगवान महावीर स्वामी का भक्तिभाव से पूजन कर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया । निकटवर्ती ग्राम रैवासा स्थित अतिशय क्षेत्र के मुख्य मंदिर जी व ग्राम दूजोद के महावीर स्वामी मंदिर में भी इस अवसर पर विशेष आयोजन हुए । प्रातःकाल जैन मंदिरों में अभिषेक , शांतिधारा अष्ट द्रव्यों से नित्य नियम पूजन और निर्वाण कांड पाठ का वाचन हुआ। इसके साथ ही मोक्ष कल्याणक अर्घ्य अर्पण किया गया ।
सुबह से ही जिनालय में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगने लगी थी। भगवान महावीर को निर्वाण लाडू समर्पित कर सभी श्रद्धालुओं ने निर्वाणोत्सव व दीपावली पर्व की एक दूसरे को शुभकामनाएं दी। विवेक पाटोदी ने बताया कि अंतिम तीर्थंकर वर्तमान शासन नायक भगवान महावीर को कार्तिक अमावस्या के दिन सुबह स्वाति नक्षत्र में मोक्ष प्राप्ति हुई । उस समय इंद्रादि देवों ने आकर पूरी पावा नगरी को दीपकों से सजाकर प्रकाशयुक्त कर दिया ।उसी समय से आज तक यही परंपरा जैन धर्म में चली आ रही है। जैन धर्म में प्रतिवर्ष दीपमालिका सजाकर भगवान महावीर का निर्वाणोत्सव मनाया जाता है। उसी दिन शाम को भगवान महावीर के प्रथम गणधर श्री गौतम स्वामी को कैवल्यज्ञान की प्राप्ति हुई थी। तब देवताओं ने प्रकट होकर गंधकुटी की रचना की और गौतम स्वामी एवं कैवल्यज्ञान की पूजा करके दीपोत्सव का महत्व बढ़ाया। इसी उपलक्ष्य में सभी जैन बंधु सायंकाल को दीपक जलाकर दीपोत्सव का पर्व मनाते हैं। नूतन जैन नववर्ष वीर संवत् का भी प्रारंभ इसी दिन से होता है।
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