VLSI कार्यशाला का आयोजन: तकनीक एवं कैरियर निर्माण संबंधि जागरूकता के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन

Sikar; सोभासरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में इलेक्ट्रीकल एवं कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ट्रू चिप एवं फ्यूचर विज के संयुक्त तत्वावधान मे वी एल एस आई तकनीक एवं इस क्षेत्र में उपलब्ध कैरियर निर्माण के अवसरों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

Sobhasaria : वी एल एस आई पर कार्यशाला का आयोजन क्षेत्र के अग्रणी शिक्षण संस्थान सोभासरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में इलेक्ट्रीकल एवं कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ट्रू चिप एवं फ्यूचर विज के संयुक्त तत्वावधान मे किया गया. विद्यार्थियों को वी एल एस आई तकनीक एवं इस क्षेत्र में उपलब्ध कैरियर निर्माण के अवसरों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

फॉलो करें:  फेसबुक       ट्विटर      इंस्टाग्राम   

फॉलो करें:    यूट्यूब             वेबसाइट   

कार्यक्रम का शुभारम्भ कम्पनी के प्रतिनिधि शशिकांत शर्मा, रणवीर शर्मा, ग्रुप प्राचार्य डॉ. एल. सोलंकी, ग्रुप रजिस्ट्रार प्रदीप शर्मा, डीन स्किल्स डॉ. राजेश गौड़, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष दिलीप अग्रवाल ने अन्य सभी व्याख्याताओं एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति में दीप प्रज्जवलन कर किया.

डॉ. सोलंकी ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को सम्बन्धित क्षेत्र के बारे में जानकारी लेने एवं अपने लिए बेहतरीन कैरियर निर्माण के हर अवसर का लाभ उठाने का संदेश दिया. इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. जय प्रकाश केशरी के धन्यवाद प्रस्ताव के पश्चात् कार्यशाला के मुख्य ट्रेनर शशिकांत शर्मा ने विद्यार्थियों को वी एल एस आई तकनीक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया.

शशिकांत शर्मा ने बताया कि सेमीकंडक्टर उद्योग पिछले कुछ दशकों के दौरान तीन स्तंभों के आधार पर तेजी से बढा प्रौद्योगिकी स्केलिंग, बढ़ा हुआ प्रदर्शन और मात्रा उत्पादन के कारण विनिर्माण की कम लागत. सेमीकंडक्टर उत्पादों का उपयोग आज मोटर वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा प्रोसेसिंग, औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स, वायर्ड और वायरलेस संचार जैसे प्रमुख अनुप्रयोगों में किया जाता है. सेमीकंडक्टर के बिना, हमारे मोबाइल, लैपटॉप और कारें काम नहीं करेंगी.

भारत के पास सेमीकंडक्टर चिप निर्माण में वैश्विक खिलाड़ी बनने अपार क्षमता हैं. भारत सरकार इस स्थिति से अवगत है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान सेमीकंडक्टर विनिर्माण में पैर जमाने और आत्मनिर्भर बनने के लिए कई कदम उठा रही है. कार्यशाला के दौरान प्रेक्टिस सेशन्स में विद्यार्थियों ने विषय से सम्बन्धित प्रोजेक्टस बनाते हुये अपने ज्ञान एवं कौशल का परिचय दिया. ग्रुप प्रबन्धन ने सभी का धन्यवाद किया एवं समय-समय पर इस प्रकार के आयोजन करवाने पर बल दिया. 

Comments are closed.