नगर परिषद बोर्ड के कार्यकाल की समाप्ति, शहरी विकास योजनाओं पर बड़ा सवाल…

सीवरेज, ड्रेनेज और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं में मिली कुछ सफलता, तो कुछ योजनाएं अधूरी

नगर परिषद बोर्ड का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो रहा है। सभापति जीवण खां का यह लगातार दूसरा कार्यकाल रहा, जिसमें उन्होंने सीकर शहर के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स लाए, जिनमें सीवरेज और नवलगढ़ रोड ड्रेनेज प्रोजेक्ट प्रमुख रहे। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, कई योजनाओं पर अभी काम अधूरा पड़ा हुआ है।

सीवरेज सिस्टम के लिए 300 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया था, जिसमें से दो फेज पूरे हो चुके हैं और दो फेज का 50% कार्य पूरा हुआ है। यह प्रोजेक्ट अक्टूबर 2025 में पूरा होने की उम्मीद है। वहीं, नवलगढ़ रोड पर जलभराव की समस्या का समाधान करते हुए, एक नया ड्रेनेज सिस्टम लाया गया, जिससे पानी को जगमालपुरा की तरफ मोड़कर सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकता है। लेकिन, कुछ योजनाओं में देरी होने के कारण कई बजट राशि लैप्स हो गई। 2024 के बजट में 10 करोड़ की बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन अधिकांश योजनाएं पुरानी ही रही, जैसे साइंस पार्क, बाल भवन, हाउसिंग स्कीम और माधव सागर का जीर्णोद्धार।

प्रमुख योजनाओं में से पिपराली रोड, जयपुर रोड और राधाकिशनपुरा एरिया के लिए ड्रेनेज प्रोजेक्ट की शुरुआत नहीं हो सकी। इसके लिए 32 करोड़ का बैंक लोन स्वीकृत किया गया था, लेकिन सरकार बदलने से इस योजना में देरी हुई और राशि लैप्स हो गई। इस कार्यकाल में सीवरेज, ड्रेनेज और सौंदर्यीकरण के कार्यों को अहमियत दी गई, लेकिन शहरी ड्रेनेज व्यवस्था अभी भी सुधार की बाट जोह रही है। अब देखना होगा कि नई सरकार इन अधूरे कार्यों को कब पूरा करती है।

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