रबी सीजन में किसानों को यूरिया की किल्लत नहीं होगी…
सहकारी एजेंसियों ने यूरिया की सप्लाई शुरू की, कालाबाजारी की आशंका कम
किसानों को रबी सीजन में यूरिया की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि सहकारी एजेंसियों ने मांग के अनुसार यूरिया की सप्लाई बिक्री काउंटरों पर शुरू कर दी है। सीकर, नीमकाथाना और झुंझुनूं जिलों के तीन दर्जन सहकारी काउंटरों पर इफको ने 1700 टन यूरिया का आवंटन किया है, जिसमें से 700 टन यूरिया पहले ही काउंटरों पर पहुंच चुका है। एक हजार टन यूरिया 15 दिसंबर तक पहुंचाई जाएगी।
सीकर की 6 समितियों को 200 टन, झुंझुनूं के 17 काउंटरों को 400 टन और नीमकाथाना के तीन काउंटरों पर 100 टन यूरिया पहुंचाई गई है। इफ्को एरिया मैनेजर शंकर लाल गठाला ने बताया कि सीजन में किसानों के लिए यूरिया की आपूर्ति डिमांड के अनुसार की जा रही है। किसानों के अनुसार यूरिया की सबसे ज्यादा मांग पहली और दूसरी सिंचाई के दौरान होती है। इस समय कमजोर फसलों में यूरिया डाला जाता है। ऐसे में 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक यूरिया की मांग अधिक रहती है।
सहकारी काउंटरों पर समय पर यूरिया उपलब्ध होने से कालाबाजारी की आशंका भी कम रहेगी। प्रदेश में इफको, कृभको और निजी एजेंसियों द्वारा यूरिया की सप्लाई की जा रही है। कृषि विभाग के अनुसार, जिले में रबी सीजन के दौरान करीब 10 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होती है, जिसमें 30 से 40 प्रतिशत यूरिया निजी एजेंसियों के माध्यम से सप्लाई किया जाता है।
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