राम जी हुए अयोध्या नरेश, रावण के अहंकार को मिटाकर सत्य कभी पराजित नहीं होता का दिया संदेश…..
अजीतगढ की तेरह दिवसीय रामलीला का हुआ समापन, रंगमंचीय कलाकारों को किया गया सम्मानित
विजया दशमी को अजीतगढ़ शहर के मुख्य चौपड़ में नवयुवक रामलीला नाट्य कला मंडल द्वारा दशहरे पर्व पर खेली जा रही गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस एवं राधेश्याम शर्मा कथा वाचक की रामायण पर आधारित तेरह दिवसीय रामलीला का रात एक बजे राम राज्याभिषेक के साथ केसमापन हुआ।
मंडल निर्देशक दिनेश गोविंद शर्मा ने कहा कि बेहतरीन कला दिखाना ही एक्टर का मुख्य उद्देश्य होता है।हमारे सभी कलाकारों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दर्शको का दिल जीता है। लीला के मंचन मे श्रीराम ने लंकापति रावण का अंहकार मिटाकर सत्य कभी पराजित नहीं होता का संदेश दिया। रंगमंच पर क्षेत्रीय विकास परिषद ने मंडल के लगभग चालीस कलाकारों का उपहार देकर एवं राम नाम दुपट्टा ओढ़ा कर सम्मान किया। इस अवसर पर दशकों की तालियों ने कलाकारों का उत्साह वर्धन किया।
श्रीकृष्ण गौशाला के अध्यक्ष चैतन्य मीना, राजेश शर्मा,मोहम्मद शरीफ गौरी, शिव दत्त भारद्वाज को भी सम्मानित किया गया। राज्याभिषेक की अलौकिक झांकी के अवसर पर मंडल अध्यक्ष श्रवण लाल पारीक, कार्यकारी अध्यक्ष पंडित जुगल किशोर जोशी,सह निदेशक भरत सिंह,कोषाध्यक्ष कमल फलोड़,क्षेत्रीय विकास परिषद के अध्यक्ष राजेश शर्मा,पूर्व अध्यक्ष ग्यारसी लाल टेलर, मोहम्मद शरीफ गौरी,कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश कुमावत,प्रवक्ता एडवोकेट विक्रम सिंह बांकावत , सचिव चैतन्य मीना, हेमंत पारीक ,मंडल के पूर्व अध्यक्ष शिवदत भारद्वाज , विमल इंदौरिया, प्रदीप सोनी, विमल जोशी ,सत्यनारायण जोशी ,भोलूराम बड़सीवाल प्रकाश नोताका,किशन सिपुरिया सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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