19 वर्ष बाद आया दुर्लभ संयोग, इस बार 149 दिनों का होगा चातुर्मास
सीकर : प्रतिवर्ष चातुर्मास के दिवस 120 होते हैं पर इस वर्ष श्रावण मास की अधिकता के कारण चातुर्मास 2 जुलाई से प्रारंभ होकर 27 नवंबर 2023 को समापन होगा जो कि कुल 149 दिवसीय चातुर्मासिक समय रहेगा.
जैन धर्मावलम्बियों के लिए वर्ष 2023 दोहरी खुशियाँ लेकर आया है एक और जहां चातुर्मास पाँच माह 149 दिन का रहेगा, वहीं दूसरी और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण का 2550 वाँ वर्ष शुभारंभ भी चातुर्मास पूर्णाहुति के 15 दिवस पूर्व मनाने का सौभाग्य प्राप्त होगा.
आचार्य विवेक सागर के अनुसार अधिकमास हर तीसरे साल में आता है पर श्रावण मास के कारण पांच माह के चातुर्मास का दुर्लभ संयोग वर्ष 2004 में हुआ था और अब 19 वर्षों बाद प्राप्त हुआ है. अधिकमास सहित इस वर्ष 13 महीने होंगे और अधिकमास के कारण सावन माह 59 दिन का रहेगा, वहीं अधिकमास की अवधि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगी. इस बार अधिकमास का असर यह होगा कि जुलाई के बाद आने वाले सभी बड़े त्यौहार 2022 की तुलना में 12 से 19 दिन की देरी से आएँगे. जैन मान्यतानुसार चातुर्मास आषाढ़ शुक्ला चौदस से प्रारम्भ होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है.
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष चातुर्मास के दिवस 120 होते हैं पर इस वर्ष श्रावण मास की अधिकता के कारण चातुर्मास 2 जुलाई से प्रारंभ होकर 27 नवंबर 2023 को समापन होगा जो कि कुल 149 दिवसीय चातुर्मासिक समय रहेगा. आचार्य विवेक सागर ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2550 वें निर्वाण वर्ष की शुरूआत भी 12 नवंबर 2023 को भव्यतम रूप से सम्पूर्ण देश व विदेश में होगी वर्ष 2023 में श्रावण मास अधिक होने के कारण इस वर्ष पर्यूषण महापर्व की धर्म आराधना दिनांक 11 सितंबर से प्रारम्भ व पूर्णाहूति संवत्सरी महापर्व के दिवस दिनांक 19 सितंबर पर होगी.
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