शेखावाटी फाउंडेशन का हुआ गठन, सीकर में हवाई अड्डा व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए करेगा काम
वक्ताओं ने कहा रेत की धरती, संस्कृतियों की घाटी- शेखावाटी को चाहिए संवेदना और संकल्प
सीकर
शेखावाटी फाउंडेशन, सीकर की ओर से शेखावाटी में पर्यटन, शिक्षा, संस्कृति व शहर के विकास को बढ़ावा देने के लिए रामलीला मैदान स्थित एमबी ज्वैलर्स में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के समाजसेवियों, शिक्षाविदों, युवाओं और प्रवासी राजस्थानियों का साझा मंच, ने सुनियोजित अभियान के साथ क्षेत्र के समग्र विकास की प्लानिंग तैयार की।
बैठक में शेखावाटी फाउंडेशन ने क्षेत्र में औद्योगिक, पर्यटकीय और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डे की स्थापना की मांग की है। इसके साथ ही, शेखावाटी को स्वतंत्र पर्यटन सर्किट के रूप में घोषित करने की अपील की गई है, ताकि ऐतिहासिक हवेलियां, लोककला और ग्रामीण जीवनशैली को वैश्विक मंच पर पहचान मिले।
फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक हरि शर्मा ने कहा- शेखावाटी की उपेक्षा अब और बर्दाश्त नहीं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का खजाना है, जिसे प्राथमिकता देकर विकास की नई राह खोली जाएगी। फाउंडेशन ने शेखावाटी की हवेलियों, स्थापत्य कला और लोक परंपराओं को संरक्षित करने के लिए।शेखावाटी सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव रखा है। यह प्राधिकरण क्षेत्र की विरासत को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करने के साथ स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।
फाउंडेशन के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा- शेखावाटी में निवेश, पर्यटन और शिक्षा की अपार संभावनाएं हैं। हम हर मंच पर इसके लिए आवाज उठाएंगे। शेखावाटी में तकनीकी, व्यवसायिक और कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की मांग की गई है।
जल संकट से निपटने के लिए वर्षा जल संचयन, परंपरागत जल स्रोतों के पुनर्जनन और आधुनिक जल प्रबंधन तकनीकों को लागू करने की योजनाएं प्रस्तावित हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को सशक्त करने की जरूरत पर बल दिया गया। इसके साथ ही शेखावाटी की सैन्य और बलिदानी परंपरा को सम्मान देने के लिए एक भव्य वीर स्मृति केंद्र की स्थापना की मांग उठी है। यह केंद्र क्षेत्र की शौर्यगाथा और देशभक्ति को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने का प्रेरणास्रोत बनेगा।
प्रदेश महामंत्री राकेश लाटा ने इसे सांस्कृतिक अस्मिता और आर्थिक सशक्तिकरण की साझा लड़ाई करार दिया। इसके साथ ही फाउंडेशन ने झुंझुनू, सीकर और चूरू में समर्पित कार्यालय खोलने की घोषणा की है, जो जन समस्याओं के समाधान, नीति-निर्माताओं तक मुद्दों को पहुंचाने और सामाजिक जागरूकता के केंद्र बनेंगे।
इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय प्रभारी पशुपति शर्मा, महामंत्री राकेश लाटा, प्रभारी गिरधारी लाल कैसोट, प्रदेष अध्यक्ष सुशील गुप्ता, झुंझुनूं जिलाध्यक्ष दिलीप मोदी, चूरू जिलाध्यक्ष रामोतार बैरासरिया ने कहा कि शेखावाटी फाउंडेशन अब केवल एक मंच नहीं, बल्कि जनचेतना और ठोस कार्यक्रमों के माध्यम से स्थायी समाधान और परिणाममुखी योजनाओं के लिए कार्यरत एक सशक्त जन संगठन बन चुका है। फाउंडेशन ने यह माँग रखी है कि झुंझुनूं, सीकर और चुरू जिलों को समाहित करने वाले इस अंचल में शीघ्र एक हवाई अड्डे की स्थापना की जाए, जिससे यहाँ के औद्योगिक, पर्यटन तथा आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को समुचित सहायता मिल सके। साथ ही, शेखावाटी की ऐतिहासिक हवेलियों, स्थापत्य धरोहरों, लोक परंपराओं और सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने के लिए एक स्वतंत्र शेखावाटी सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया जाए, जो इस अनमोल विरासत को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा दिला सके।
इस संदर्भ में संगठन के जिला एवं राष्ट्रीय पदाधिकारियों सीकर जिला अध्यक्ष शिवप्रसाद सोनी, सीकर जिला महामंत्री महावीर हुड्डा, भामाशाह सैयद शब्बीर, चूरू जिला महामंत्री अभिषेक चोटीया ने संयुक्त रूप से कहा है कि झुंझुनूं, सीकर और चुरू जैसे ऐतिहासिक जिलों में कार्यालय खोलने का उद्देश्य केवल संगठनात्मक विस्तार नहीं, बल्कि शेखावाटी की जनभावनाओं को जमीनी स्तर पर शक्ति देना है। हमारा उद्देश्य शेखावाटी की आवाज़ सरकार तक पहुँचे यही है। यह संगठन पूर्ण रूप से गैर राजनैतिक संगठन है। जो सिर्फ और सिर्फ शेखावाटी के विकास की बात को सरकार के, भामाशाहों के सामने रखेगा।
Comments are closed.