मुम्बई तक पहुंची सीकर के एसम की आवाज, जी टीवी के सारेगामापा लिटिल चैम्प्स के टाॅप 12 में सीधा पहुंचा एसम

अब तक न्यूज की ओर से आयोजित सिंगिंग कॉम्पिटिशन में अपना हुनर दिखा चुके एसम खान आज टीवी के सुपरहिट शो सारेगामापा लिटिल चैम्प्स में अपना स्थान कायम कर चुके है. यह मात्र 12 साल की उम्र में स्कूल मे बच्च्चों के सिंगिंग मास्टर अब सारेगामापा लिटिल चैंप्स मे टॉप 12 में अपनी जगह बना चुका है.

सीकर दूजोद से निकले हमारे सितारे आज मुम्बई में बड़े चैनल्स के कार्यक्रमों में धूम मचा रहे है. मात्र 12 साल की उम्र में स्कूल में बच्चों के सिंगिंग मास्टर अब सारेगामापा लिटिल चैंप्स में टॉप 12 में अपनी जगह बना चुके है. एसम खान, नाम तो आपने सुना ही होगा. क्योंकी सीकर दूजोद का यह वो सितारा है, जिसे द वॉयस ऑफ शेखावाटी के माध्यम से शेखावाटी अब तक न्यूज चैनल ने तराशा था. अब तक न्यूज की ओर से आयोजित सिंगिंग कॉम्पिटिशन में अपना हुनर दिखा चुके एसम खान आज जी टीवी के सुपरहिट शो सारेगामापा लिटिल चैम्प्स में अपना स्थान कायम कर चुके है. हारमोनियम पर रियाज करने वाले एसम की इस जर्नी में उनके परिवार का भी काफी सपोर्ट रहा है. एसम के दादा का कहना है किए पोते ने उनके पिता की विरासत में मिले हुनर को आगे बढ़ाया है.

सीकर के दूजोद गांव के रहने वाले एसम सारेगामापा लिटिल चैंप्स में पार्टीसिपेट कर रहे है. वह फिलहाल शो के लिए अपने पिता इकबाल के साथ मुंबई में है. एक से बढ़कर एक परफोर्मेंस देने के बाद उन्होंने टॉप.12 में जगह बना ली है.

एसम की मां खुशबू ने बताया कि बचपन से ही उसे म्यूजिक का शौक था. 4 साल म्यूजिक के साथ हारमोनियम बजाना भी सीखा. बेटे ने कई बार ऑडिशन दियाए पिछले वर्ष ही शेखावाटी अब तक न्यूज की ओर से आयोजित द वॉयस ऑफ शेखावाटी में एसम ने बॉलिवुड सिंगर राजा हसन और एक्टर सलीम दीवान का ध्यान खींचा था और आखिरकार सारेगामापा लिटिल चैंप्स में सिलेक्ट हुआ है. मां ने बताया कि बेटे की इस जर्नी में सबसे ज्यादा सपोर्ट उनके पति ने किया है. जो देर रात भी खुद साथ बैठकर उसे म्यूजिक प्रैक्टिस करवाते थे.एसम के दादा सत्तार खान ने बताया कि एसम के परदादा सुलेमान खान को बदल सम्राट के नाम से जाना जाता था. वह जागरण वगैरह में भजन गाने का काम करते थे. इसके बाद परिवार में किसी ने भी गाने का काम नहीं किया. लेकिन एसम गांव में हमेशा अपने परदादा के गायकी की बारे में सुनता था. ऐसे में उसे भी गायकी में ही इंटरेस्ट हो गया.

दादा ने बताया कि 2010 में जन्मा एसम 2016 तक गांव में ही रहा. इसके बाद अपने पिता के साथ उदयपुर चला गया. यहां एसम ने 2021 तक एक प्राइवेट कोचिंग में म्यूजिक की ट्रेनिंग ली. 2021 में परिवार वापस अपने गांव दूजोद लौट गया. इसके बाद एसम का एडमिशन गांव के पास ही स्थित आकाषदीप स्कूल में करवाया गया. यहां एसम स्कूल के करीब 500 बच्चों को भी म्यूजिक सिखाता है. 

आखिरकार आकाशदीप का दीप सीकर से निकलकर आज पूरे भारत में अपनी चमक बिखेर रहा है. सारेगामापा लिटिल चैम्प्स की पूरी ज्यूरी टीम ने एसम खान की गायकी की खूब तारीफ की. आज सीकर ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान का संगीत जगत खुशी महसूस कर रहा है कि यहां का नन्हा सितारा आज देषभर में अपनी चमक बिखेर रहा है. 

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