होमगार्ड के मर्डर का मामला, बंधक बनाकर की थी मारपीट, पानी भी नहीं दिया, 2 आरोपी गिरफ्ताार
सीकर के हर्ष की पहाड़ियों में मिले होमगार्ड के शव के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले में मुख्य आरोपी पवींद्र और उसका सहयोगी लक्ष्मण सिंह को गिरफ्तार किया गया है.
हर्ष की पहाड़ियों में मिले होमगार्ड के शव के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले में मुख्य आरोपी पवींद्र और उसका सहयोगी लक्ष्मण सिंह को गिरफ्तार किया गया है. घटना को पवींद्र ने फोन चुराने की बात पर होमगार्ड मनोज को बंधक बनाया था, उसे पानी तक नहीं पीने दिया था. जिसके चलते ही होमगार्ड की मौत हुई थी.
सीकर सदर थाना अधिकारी सुनीता बायल ने बताया कि सीकर की पहाड़ी पर लालोलाव बालाजी मंदिर के पास होमगार्ड के जवान मनोज कुमार शर्मा का शव सड़क किनारे खाई के पास पड़ा मिला था.
मामले में मृतक के पिता ने रिपोर्ट देकर बताया था कि 13 अगस्त को मनोज ड्यूटी करने के लिए खाटूश्यामजी गया हुआ था, जिनकी 15 अगस्त को मनोज से फोन पर बात हुई. इस दौरान फोन पर बातचीत में मनोज ने अपने पिता गजेंद्र को कहा था कि वह अभी ड्यूटी पर है. गजेंद्र ने मनोज का अपहरण कर हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल नंबरों की लोकेशन निकाली, तो मनोज की आखिरी लोकेशन निकाली और 18 अगस्त को आखरी लोकेशन खाटूश्यामजी से मिली. पुलिस ने जब मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई, जिसमें 18 अगस्त की रात 9 बजे तक 6 नंबरों की डिटेल मिली, जिसमें से दो नंबर मृतक मनोज के परिवार के थे, बाकी चार नंबर संदिग्ध लगे. पुलिस ने इसमें से एक नंबर पर फोन किया तो वह अन्य युवक का था.
पुलिस ने जब उस युवक से पूछताछ की तो सामने आया कि उसने मनोज को खाटूश्यामजी में पवींद्र सिंह के गोदाम पर हाथ-पैर बंधे हुए देखा था. इसके बाद जब पवींद्र से पूछताछ की गई तो पता चला कि 17 अगस्त की रात को मनोज ने पवींद्र का मोबाइल उठा लिया था, इसके बाद 18 अगस्त को सुबह पवींद्र ने बन्नेसिंह के फोन से ही मनोज से बातचीत की. इस दौरान मनोज और पवींद्र की कहासुनी भी हो गई. ऐसे में पवींद्र ने मनोज को अपने गोदाम पर बुलाया.
जहां मनोज ने मोबाइल भी पवींद्र को लौटा दिया लेकिन इसके बाद पवींद्र ने मनोज को अपने गोदाम पर ही बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट की और उसे पीने के लिए पानी तक नहीं दिया. अगले दिन जब पवींद्र ने देखा तो मनोज मर चुका था. ऐसे में उसने शव को गोदाम में ही तिरपाल में ढककर छिपा दिया.
मृतक होमगार्ड मनोज दांतारामगढ़ का रहने वाला था. जो कई बार खाटूश्यामजी में ड्यूटी भी कर चुका था. ऐसे में वहां के लोग उसे अच्छी तरह से जानते थे. आरोपी पवींद्र ने खंडेला इलाके के रहने वाले अपने एक दोस्त की गाड़ी ली और सीकर अपने दोस्त लक्ष्मण सिंह के पास आ गया. पवींद्र सिंह और लक्ष्मण सिंह दोनों 19 अगस्त की रात करीब 9:00 बजे खाटूश्यामजी पहुंचे, जहां दोनों ने मनोज के शव को जीणमाता, कोछोर के रास्ते लाकर हर्ष की पहाड़ियों में डाल दिया, इसके बाद दोनों यहां से वापस चले गए.
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