सरिस्का टाइगर रिजर्व: पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल शुरू…
निजी वाहनों पर रोक, सुप्रीम कोर्ट की शर्तों को पूरा करने में जुटा राजस्थान
सरिस्का टाइगर रिजर्व और पांडुपोल हनुमान मंदिर क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना के तहत ट्रायल शुरू कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) की सिफारिशों के अनुसार 31 मार्च 2025 से सरिस्का में निजी वाहनों का प्रवेश बंद कर केवल इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होगा। इसके लिए राजस्थान सरकार ने 6 माह का अतिरिक्त समय मांगा है। एक 14-सीटर इलेक्ट्रिक मिनी बस का ट्रायल किया गया, जो एक बार चार्ज होने पर 60-70 किमी चल सकती है। संचालन की लागत और किराए के निर्धारण के लिए फर्म की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
सरिस्का में बाघ संरक्षण की नई योजना
सरिस्का में वर्तमान में 43 बाघ हैं। सीईसी की सिफारिशों के तहत सरिस्का-टहला स्टेट हाईवे का डिनोटिफिकेशन किया जा चुका है और व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। नई बाघ संरक्षण योजना के लिए ग्लोबल टाइगर फोरम काम कर रहा है, जो मार्च 2026 तक लागू होगी। सरिस्का का जंगल क्षेत्र 882 वर्ग किलोमीटर है, जहां पहले बाघों की संख्या लगभग खत्म हो गई थी। 2008 में रणथंभौर से बाघ शिफ्ट कर यहां पुनः संरक्षण शुरू किया गया। अब यह क्षेत्र बाघों और पर्यावरण संरक्षण का सफल उदाहरण बन रहा है।
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